- राजस्थान के चुरू में पारा 50 डिग्री पर ,दिल्ली में पारा 47.6 डिग्री
- उत्तर भारत में अब लू का प्रकोप, कई राज्यों में जनजीवन पर असर
- मॉनसून आने में अभी लगेगा वक्त, केरल में में तय समय से 3 से 4 दिन की होगी देरी
नई दिल्ली। आसमां से आग के गोले बरस रहे हैं, जमीन तप रही और उसका असर इंसानों से लेकर परिंदों पर दिखाई दे रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर भारत के ज्यादातर राज्य भीषण गर्मी की चपेट में हैं और अगले तीन दिन तक राहत की उम्मीद नहीं है।राजस्थान के सभी शहरों में तापमान 40 के पार है। लेकिन चुरू का चिक्र करना इसलिए जरूरी है कि 20 मई से लेकर 26 मई तक तापमान में बढ़ोतरी हुई है। 20 मई को जहां तापमान 41 डिग्री था तो यह बढ़ते बढ़ते 50 डिग्री तक पहुंच गया।
आसमानी आग का असर
मौसम विभाग का कहना है कि अगर पूरे राजस्थान की बात करें तो मई से लेकर जून तक गर्मी का यही हाल रहता है। लेकिन चुरु में असामान्य तौर पर पारे में चढ़ाव देखा जाता है। दरअसल इस समय पछुआ पवन पूरे उत्तर भारत को अपनी गिरफ्त में ले लेती है। वातावरण में नमी ना के बराबर होती है और इस वजह से हीट वेभ या लू का असर देखा जाता है।
पुरुवा पवन पर टिकी आस
जहां तक गरम हवाओं से राहत मिलवे की बात है कि तो आने वाले एक हफ्ते में आसार कम हैं। पूरब से हवा का झोंका 28 मई के बाद चल सकता है। लेकिन वो भी इतनी दूरी नहीं तय कर पाती है। उत्तर भारत के दूसरे राज्यों को राहत मिलेगी लेकिन राजस्थान के लिए राहत की उम्मीद कम है। हालांकि अरावली के पूर्वी हिस्सों में थोड़ा बहुत असर महसूस होता है। जब तक उत्तर भारत के ज्यादातर इलाकों में मानसूनी बारिश नहीं होगी। कुछ खास फायदा नहीं मिलता है।
लू के बारे में क्या कहते हैं एम्स दिल्ली के निदेशक
लू के बारे में एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया कहते हैं कि गर्मी अपने चरम पर है और लू भी चल रही है। इस वजह से ज्यादातर मरीज हीट स्ट्रोक की वजह से अस्पतालों में भर्ती होते हैं। लेकिन इस दफा लॉकडाउन की वजह से लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं जिससे फायदा यह हुआ है कि हीट स्ट्रोक वाले मरीजों से जो दबाव अस्पतालों पर पड़ता था वो कम है।