- किसानों से पीएम बात करें नहीं तो देश का नुकासन होना तय है
- मौजूदा स्वरूप में कृषि कानून देश के लिए घातक
- कृषि कानून से देश की 62 फीसद आबादी को नुकसान
नई दिल्ली। किसान आंदोलन और बजट सत्र के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार का तीनों कृषि कानूनों को वापल लेना चाहिए। दिल्ली में जिस तरह का माहौल बना हुआ है उसका सिर्फ एक ही समाधान है कि सरकार कानून को समाप्त करे। बता दें कि किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था। इससे पहले गुरुवार की रात उन्होंने ट्वीट किया और कहा कि अब एक साइड चुनने का वक्त आ गया है। वो लोकतंत्र के साथ हैं।
कृषि कानून हर तरह से घातक
पहला कानून मंडी सिस्टम को खत्म करता है। दूसरे कानून में असीमित भंडारण की सुविधा जिसे कालाबाजारी बढ़ेगी है। तीसरे कानून में किसान अपनी दिक्कत को अदालत नहीं ले जा सकता है। इन तीनों कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमा पर है और सरकार किसानों को डराने धमकाने का काम कर रही है। जिस तरह से किसानों के साथ व्यहार किया जा रहा है वो आपराधिक कृत्य है। किसानों के आंदोलन को खत्म करने की जिम्मेदारी सरकार की है और इसका एक मात्र उपाय यही है कि सरकार इन तीनों कानून को खत्म करे।
शहरों तक फैलेगा विरोध
राहुल गांधी ने कहा कि इस कानून की वजह से उपजा विरोध शहरों तक जाएगा। इससे सिर्फ ग्रामीण इलाके के युवा ही नहीं प्रभावित हो रहे हैं बल्कि शहर के युवा भी प्रभावित होंगे और यह आंदोलन बड़े स्तर पर फैलेगा। वो पीएम मोदी से अपील करते हैं कि मामले की गंभीरता को समझें और कानूनों को वापस लें। सच तो यह है कि हर किसान के घर में चोर घुस रहा है और मोदी जी उसमें मदद कर रहे हैं। सच यह है कि पांच से सात लोगों को फायदा पहुंचाने का प्रयास है।