- हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाओं में कम से कम 22 लोगों की मौत
- मंडी, कांगड़ा और चंबा जिले में हुआ भारी बारिश के कारण सबसे ज्यादा नुकसान
- हिमाचल में 25 अगस्त तक भारी बारिश की भविष्यवाणी
Himachal Pradesh: मॉनसूनी बारिश से अचानक आई बाढ़, भूस्खलन और मकान ढहने की घटना में उत्तर के पहाड़ी इलाकों और पूर्व के मैदानी इलाकों में कम से कम 31 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में 22 लोग अकेले हिमाचल प्रदेश के हैं। वहीं उत्तराखंड और ओडिशा में चार-चार और झारखंड में एक व्यक्ति की मौत हुई है। हिमाचल प्रदेश में शनिवार को भारी बारिश के कारण भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ की अलग-अलग घटनाओं में अब तक कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में आठ लोग एक ही परिवार के हैं। प्रदेश में दस लोग इन हादसों में घायल भी हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मौतों पर शोक व्यक्त किया और कहा कि प्रशासन युद्ध स्तर पर बचाव अभियान चला रहा है। वहीं उधर भारी बारिश के मद्देनजर एहतियात के तौर पर रात के समय माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की आवाजाही रोक दी गई है। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने ये जानकारी दी है।
हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाओं में कम से कम 22 लोगों की मौत
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण सबसे ज्यादा नुकसान मंडी, कांगड़ा और चंबा जिले में हुआ है। उन्होंने बताया कि राज्य में पिछले 24 घंटे के दौरान मौसम संबंधी 36 घटनाएं दर्ज की गई हैं। मंडी में मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग और शोघी में शिमला-चंडीगढ़ राजमार्ग सहित 743 सड़कों को जलभराव के कारण यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।
दो पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश पर मौसम की मार, एक जगह बादल फटा तो दूसरी जगह भूस्खलन
हिमाचल प्रदेश में 25 अगस्त तक भारी बारिश की भविष्यवाणी
हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग ने राज्य में 25 अगस्त तक भारी बारिश की भविष्यवाणी के कारण भूस्खलन की चेतावनी जारी की है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने बताया कि कांगड़ा, चंबा, मंडी, कुल्लू, शिमला, सिरमौर, सोलन, हमीरपुर, ऊना और बिलासपुर जिलों में अगले तीन-चार दिनों तक बारिश का दौर जारी रहने और कुछ हिस्सों में भारी वर्षा होने का अनुमान है।
वहीं उत्तराखंड में शनिवार को तड़के बादल फटने की विभिन्न घटना में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 लापता हो गए। बारिश के कारण तटबंध टूट गये, पुल बह गए, और घरों के अंदर कीचड़ और पानी जमा हो गया। इससे कई गांवों से लोगों को निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा।