- सरमा का आरोप-पीएम मोदी की छवि को नुकसान पहुंचा रहा एमनेस्टी इंटरनेशनल
- असम के सीएम ने कहा कि देश में जब भी कुछ बड़ा होता है तो साजिश होने लगती है
- भारत में सरकार के साथ लंबे समय से चल रहा है एमनेस्टी इंटरनेशनल का विवाद
गुवाहाटी : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को भारत से काम करने वाले एमनेस्टी इंटरनेशनल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। असम के मुख्यमंत्री ने सरकार से एमनेस्टी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। सरमा का आरोप है कि यह मानवाधिकार संगठन पीएम मोदी की छवि खराब करने के लिए साजिश रच रहा है।
पीएम की छवि खराब करता है एमनेस्टी-सरमा
सरमा का कहना है कि भारत के शीर्ष नेताओं एवं देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने के खिलाफ साजिश रचने का इस संगठन का पुराना इतिहास रहा है। उन्होंने कहा, 'मैं सख्ती से इस साजिश की निंदा करता हूं और इस तरह के संगठनों पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग करता हूं। ये संगठन देश का अपमान और उसे नुकसान पहुंचाने के लिए तुले हुए हैं।'
'यह एक अंतरराष्ट्रीय साजिश'
असम के सीएम ने आगे कहा, 'पीएम मोदी की छवि खराब करने और लेफ्ट विंग आतंकवाद को प्रोत्साहित करने में इस संगठन की क्या भूमिका है, यह बात हम सभी को पता है। यह एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है। इनका मुख्य उद्देश्य समाज में असंतोष फैलाना है।' बता दें कि सरकार और एमनेस्टी इंटरनेशनल के बीच टकराव काफी लंबे समय से चल रहा है। विदेशी फंडिंग को लेकर सरकार ने उस पर कार्रवाई की है। बीते दिनों सरकार ने भारत स्थित इस मानवाधिकार संगठन के कई बैंक खातों को सीज कर दिया।
पेगासस के जरिए लोगों की जासूसी का आरोप
सरमा ने सवाल किया कि भारत जब भी किसी उपलब्धि के नजदीक पहुंचता है तो उसी समय देश के बाहर और अंदर अंतरराष्ट्रीय साजिश प्रारंभ हो जाती है। गौरतलब है कि यह विवाद उस वक्त पैदा हुआ जब एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने खुलासा किया कि इजराइली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए भारत के दो केंद्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक मौजूदा न्यायाधीश सहित 300 से अधिक मोबाइल नंबर हो सकता है कि हैक किए गए हों।