मुख्य बातें
- नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी के बाद एनपीआर को लेकर सरकार पर उठने लगे सवाल।
- गृह मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि एनपीआर के आंकड़ों के आधार पर देश में एनआरसी कराने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है।
- अमित शाह ने कहा कि NPR से किसी की नागरिकता को कोई खतरा नहीं है। NRC की अलग प्रक्रिया है।
नई दिल्ली: देश में अभी नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (NRC) को लेकर घमासान मचा हुआ था कि मंगलवार को सरकार ने जनगणना 2021 और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने की मंजूरी दे दी। विपक्ष द्वारा इसे लेकर सवाल खड़े किए। हालांकि इसके बाद न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में गृह मंत्री अमित शाह ने इन तीनों से जुड़े हर सवाल के जवाब दिए।
- गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि NPR और NRC में कोई लिंक नहीं है। एनपीआर का उपयोग एनआरसी के लिए नहीं किया जा सकता। दोनों की अलग प्रक्रिया है। एनपीआर जनसंख्या का रजिस्टर है, एनआरसी नागरिकों का रजिस्टर है।
- अमित शाह ने कहा कि NPR किसी की भी नागरिकता को प्रभावित नहीं करेगा। अगर किसी का नाम एनपीआर में नहीं आता है तो उसकी नागरिकता को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह एक संवैधानिक प्रावधान है और यह वही कवायद है जो कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने पहले की थी। यह न तो हमारे घोषणा पत्र का हिस्सा है और न ही हमारा वादे है।
- वहीं राष्ट्रव्यापी एनआरसी लागू करने के सवाल पर गृह मंत्री ने कहा, 'एनआरसी को लेकर ना ही कैबिनेट में और ना ही संसद में कोई चर्चा हुई है। इस पर चर्चा करने की जरूरत नहीं है क्योंकि अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है। पीएम मोदी सही कह रहे हैं।'
- CAA के सवाल पर शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून किसी से नागरिकता छिनने के लिए नहीं है, इसमें नागरिकता देने का प्रावधान है। मुसलमानों को किसी प्रकार डरने की जरूरत नहीं है। देश के मुसलमानों पर इस कानून का कोई असर नहीं पड़ेगा।
- इसके अलावा डिटेंशन सेंटर को लेकर उठ रहे सवालों पर अमित शाह ने कहा, 'मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद कोई भी डिटेंशन सेंटर नहीं बनाया गया है। नजरबंदी केंद्र सालों से है और अवैध प्रवासियों के लिए है। डिटेंशन केंद्र और NRC या CAA के बीच कोई संबंध नहीं है। इस पर गलत सूचना फैलाई जा रही है।