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मनीष सिसोदिया से असहमत हैं अमित शाह, बोले- जुलाई के अंत तक दिल्ली में नहीं होंगे 5. 5 लाख कोरोना केस

Updated Jun 28, 2020 | 13:44 IST

Amit Shah on Delhi Coronavirus cases: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को दिए गए एक इंटरव्यू में दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर विस्तार से बात की।

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दिल्ली में कोरोान का कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं है- अमित शाह
मुख्य बातें
  • दिल्ली में कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं, मिलकर कर रहे हैं काम: अमित शाहस्ट चार गुना तक बढ़ाए
  • अमित शाह ने कहा कि दिल्ली सरकार, एमसीडी और केंद्र मिलकर कर रहे हैं काम
  • दिल्ली में होम आइसोलेशन को लेकर कोई विवाद नहीं- अमित शाह

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जून की शुरुआत में राष्ट्रीय राजधानी के बारे जो टिप्पणी की थी उससे वह सहमत नहीं हैं। दरअसल मनीष सिसोदिया ने कहा था कि जुलाई के अंत तक दिल्ली में 5.5 लाख कोरोना के मामले हो जाएंगे। शाह ने लोगों को भरोसा दिलाया कि इतने मामले जुलाई अंत तक नहीं आएंगे और लोगों को घबराने या डरने की जरूरत नहीं है।

केंद्र ने बदला निर्णय

समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा, 'जून के दूसरे सप्ताह में दिल्ली डिप्टी सीएम ने बयान दिया कि 31 जुलाई तक दिल्ली में 5.5 लाख कोरोना के मामले होंगे, इससे दिल्ली की जनता में बहुत भय आया। दिल्ली सरकार ने कहा कि दिल्ली के बाहर के लोगों का दिल्ली में इलाज नहीं होगा, इस निर्णय को केंद्र सरकार ने बदला। मैंने 14 तारीख को कॉर्डिनेशन की बैठक की। दिल्ली सरकार, एमसीडी और भारत सरकार के बीच समन्वय के लिए ये बैठक जरूरी थी। भारत सरकार इसमें बहुत मदद कर सकती है। कई विशेषज्ञों की मदद ली जा सकती है। इसलिए कोरोना के खिलाफ व्यापक अभियान के लिए हमने ये बैठक की।'

दिल्ली को दिए ऑक्सीमीटर और वेंटिलेटर
अमित शाह ने कहा, 'आज मैं कह सकता हूं कि दिल्ली के डिप्टी सीएम का जो 5.5 लाख कोरोना केस वाला बयान था, वो स्थिति अब दिल्ली में नहीं आएगी। हमने दिल्ली सरकार को तत्काल 500 ऑक्सीजन सिलेंडर, 440 वेंटिलेटर दिए हैं। एंबुलेंस के लिए दिल्ली सरकार को कहा है कि प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर आप इनकी जरूरत पूरी कर सकते हैं। आने वाले समय में और मदद भी दिल्ली सरकार को दी जाएगी।'

यूपी हरियाणा के सीएम के साथ भी होगी बैठक
अमित शाह ने कहा, 'दिल्ली में अस्पतालों की स्थिति ठीक करने के लिए एम्स से टेलीफोनिक गाइडेंस की व्यवस्था की। डेडिकेटेड नंबर पर कॉल करने पर एम्स के डॉक्टर गाइंडेंस देते हैं। हमने 3 टीमों का गठन किया, जिसमें दिल्ली सरकार के और एम्स के डॉक्टर हैं, और आईसीएमआर के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने सभी जगह की कमियों को ठीक करने का हर प्रयास किया है। कोरोना को लेकर में मैंने NCR की बैठक की है। अरविंद केजरीवाल जी को लूप में रखकर उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की जाएगी और एनसीआर के लिए समन्वित रणनीति हम बनाएंगे। टेस्टिंग बढ़ाना और अन्य व्यवस्थाओं को बढ़ाने का काम एनसीआर में भी किया जाएगा।'

दिल्ली में नहीं है कम्युनिटी संक्रमण
दिल्ली में कम्युनिटी संक्रमण को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'मैं कुछ भी छिपाना नहीं चाहता हूं। मैंने तीन सबसे वरिष्ठ अधिकारियों से बात की है। दिल्ली में अभी कम्यूनिटी संक्रमण वाली स्थिति नहीं आई है। अब जब दिल्ली में टेस्ट बढ़ रहे हैं तो औसतन हम कह सकते हैं कि दिल्ली में ये स्थिति नहीं है।' दिल्ली की वर्तमान स्थिति के बारे में बताते हुए अमित शाह ने कहा, '14 जून को दिल्ली में कुल 9,937 बेड्स उपलब्ध थे। आज दिल्ली में लगभग 30 हजार बेड्स की व्यवस्था हो चुकी है।'

दुनिया की तुलना में भारत की स्थिति बेहतर

 कल तक के आंकड़ों के अनुसार प्रति 10 लाख आबादी में भारत में 357 लोग कोरोना संक्रमित हैं और विश्व में 1250 लोग संक्रमित हैं। अमेरिका में 7569, ब्रिटेन में 4537, ब्राजील में 5802 लोग, प्रति 10 लाख की आबादी में संक्रमित हैं। कोरोना में रिकवरी रेट जो 25 मार्च को 7.1 प्रतिशत था, वो आज के अनुसार 57 प्रतिशत है। ये बहुत अच्छी स्थिति है। विकसित देशों की तुलना में भारत ने इस लड़ाई को बहुत अच्छे से लड़ा है।

राहुल को नहीं दे सकता है सलाह

राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'कोरोना के खिलाफ भारत सरकार सही से लड़ी है। राहुल गांधी जी को मैं सलाह नहीं दे सकता। विश्व के परिपेक्ष में हमारे देश के आंकड़े बहुत अच्छे हैं। नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत में कोरोना से भारत सरकार, राज्य सरकारें और 130 करोड़ देशवासी, सभी ने लड़ाई लड़ी है। भाजपा में कभी एक ही परिवार का कोई व्यक्ति अध्यक्ष नहीं बना। कांग्रेस में इंदिरा जी के बाद कोई एक अध्यक्ष बता दीजिए जो परिवार के बाहर का हो, ये क्या लोकतंत्र की बात करेंगे। आपातकाल को देश की जनता ने याद करना चाहिए, क्योंकि लोकतंत्र की नींव पर तब प्रहार हुआ था।'

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