- भारत में इन दिनों टिड्डों के हमले का खतरा मंडरा रहा है
- पाकिस्तान से आए टिड्डी दल अब भारत सहित पड़ोस के कई राज्यों के लिए बन गए हैं खतरा
- फसलों को नुकसान पहुंचा कर ये किसानों को बर्बाद कर देते हैं
टिड्डों ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में इन दिनों भयानक तबाही मचाई हुई है। यहां से ये धीरे-धीरे राजधानी नई दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं। सरकार ने टिड्डों को खत्म करने के लिए कई तरह के उपाय अपना रही है। टिड्डों की वजह से ना सिर्फ आम लोगों की लाइफ में तबाही मची हुई है बल्कि टिड्डे खेतों की फसलों को भी बड़े पैमाने पर बर्बाद कर रहे हैं। भारत में इन दिनों राजस्थानी टिड्डों के हमले का खतरा मंडरा रहा है। अनुकूलित वातावरण पाकर इनकी आबादी तेजी से बढ़ रही है।
एक किलोमीटर तक के टिड्डों की बारात में इनकी संख्या करीब 40 मिलियन तक होती है। ये एक दिन में 35,000 लोगों का भोजन चट कर सकते हैं। टिड्डी दल अफ्रीका के कई हिस्सों में तबाही मचा रहे हैं, पिछले कुछ सालों से मध्य एशिया और अब भारत में भी इन्होंने हमला बोल दिया है। इनसे छुटकारा पाने के कुछ उपायों के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
कीटनाशक का छिड़काव
कीटनाशकों के छिड़काव से टिड्डी दलों के झुंड से छुटकारा पाया जा सकता है। कार से या फिर एयरक्राफ्ट से कीटनाशक का छिड़काव किया जा सकता है। खास तौर पर अफ्रीकी देश केन्या, इथोपिया साथ ही ऑस्ट्रेलिया में भी इस तरह के तरीके अपनाए जाते हैं। पहले कीटनाशक के छिड़काव को लेकर इसके हानिकारक प्रभावों की चिंता जताई जाती थी लेकिन अब इनवायरनमेंटल फ्रेंडली बायोपेस्टिसाइड के आ जाने के बाद इनका यूज किया जाने लगा है जो उतना हानिकारक नहीं होता है। इन्हें जापान, नीदरलैंड या फिर मोरक्कों से मंगाया जाता है।
ड्रोन से मॉनीटरिंग
ड्रोन कैमरा और यूएवी से भी टिड्डियों पर नजर रखी जाती है। इनका झुंड किस दिशा में बढ़ रहा है और इनकी संख्या कितनी है खेतों में ये किस तरह के नुकसान फैला रहे हैं इन सब पर नजर रखने के लिए ड्रोन से मॉनीटरिंग की जाती है ताकि उस हिसाब से फिर इनका इलाज किया जा सके। फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन (FAO) यूनिवर्सिटी रिसर्चर और कई प्राइवेट सेक्टर के पार्टनर के साथ मिलकर ऑप्टिक्स, सोलर पावर वाले, सेंसर और टिड्डियों को अच्छे से ट्रैक करने वाले ड्रोन मशीनों को बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
चीन में बतख का इस्तेमाल
चीन में टिड्डी दल से छुटकारा पाने के लिए अलग ही तरह का रास्ता अपनाया जाता है। चीन का उत्तर पश्चिम क्षेत्र शिनजियांग में पहली बार 20 साल पहले टिड्डी दल का आक्रमण हुआ था। उस दौरान उन्होंने ऐसे बतख को तैनात किया था जो टिड्डियों को अपना भोजन बना लेते थे। एक बतख एक दिन में करीब 200 टिड्डी खा सकते हैं। उस दौरान बतख ने टिड्डियों से छुटकारा दिलाने में चीन की काफी मदद की थी। हाल ही में जब पाकिस्तान से चले टिड्डी दल की खबर पड़ोसी देशों में आने लगी तो चीन ने ये ऐलान किया कि वे इनसे निपटने के लिए 1 लाख बतख को तैनात करेगा।