हत्या के आरोपी कोच पवन को दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के द्वारका से गिरफ्तार कर लिया...कुछ महीनों पहले ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार पर भी हत्या का आरोप लगा...जो आज जेल में है...हैरानी की बात है...कि देश को मान दिलाने वाले देश का तिरंगा थामने वाले पता नहीं कब अपराध के दलदल में शामिल हो जाते हैं...खुद उन्हें भी पता नहीं चलता...आज हम आपको धाकड़ EXCLUSIVE ये बताने जा रहे हैं कि खेल के चैंपियन कैसे क्राइम के चैंपियन बन जाते हैं...
सोनीपत में यूनिवर्सिटी लेवल मैडल विनर रेसलर निशा दहिया और उसके भाई की गोली मारकर बुधवार को हत्या कर दी गई...निशा की मां का अस्पताल में इलाज चल रहा है...हत्या का मुख्य आरोपी सोनीपत के गांव हलालपुर में स्थित पहलवान सुशील कुमार रेसलिंग अकेडमी का कोच पवन है...जिसे दिल्ली के द्वारका से दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस जांच करेगी...अदालत तमाम सबूतों और गवाहों की गवाही के आधार पर अपना फैसला सुनाएगी...आरोप सिद्ध हुए तो आरोपी को सजा मिलेगी और बात खत्म हो जाएगी...
लेकिन कुछ ऐसे सवाल हैं जो पूछे जाने चाहिए-
पहला सवाल...आरोपी को सजा मिलने के बाद क्या वाकई बात खत्म हो जानी चाहिए?
दूसरा सवाल...रेसलिंग के खेल में अपराध इतना हावी क्यों हो रहा है?
तीसरा सवाल...रेसलिंग खिलाड़ियों के कदम क्राइम की तरफ क्यों बढ़ रहे हैं?
चौथा सवाल...रेसलिंग के खिलाड़ी क्या ताकत के नशे में अपराध कर रहे हैं?
पांचवां सवाल...खिलाड़ियों का अपराध की तरफ झुकाव किसी मनोवैज्ञानिक दबाव का नतीजा है?
रेसलिंग या किसी भी दूसरे खेल के खिलाड़ी और उनके कोच खूब मेहनत करते हैं...ताकि देश का नाम रौशन कर सकें...अपनी पहचान बना सकें...लेकिन पल भर के गुस्से और एक गलत कदम का नतीजा जेल होता है...आखिर क्यों ऐसा हो रहा है...देखिए धाकड़ EXCLUSIVE अनंत त्यागी के साथ-