- विवाद की शुरूआत सोमवार रात 11 से 12 बजे के बीच हुई।
- एक समुदाय के लोग ईद के मौके पर जालोरी गेट के पास चौराहे पर झंडे लगा रहे थे। उन्हें ऐसा करता देख दूसरे समुदाय के लोग पहुंच गए।
- एक पक्ष का दावा है कि परशुराम जयंती के अवसर पर वहां लगे भगवा ध्वज को हटाकर इस्लामिक ध्वज लगा दिया गया था।
Jodhpur Violence: राजस्थान के जोधपुर में ईद के मौके पर बेहद तनावपूर्ण हालात हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहनगर जोधपुर में विवाद सोमवार देर रात शुरू हुआ और फिर मामला इतना भड़क गया कि अभी तक (दोपहर 1 बजे तक) हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। शुरूआत एक समुदाय के झंडे को हटाकर दूसरे के झंडे लगाने से हुई। उसके बाद माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि दोनों समुदाय के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई> इस पत्थरबाजी में 5 पुलिसकर्मी घायल हो गए। लेकिन देर रात से शुरू हुआ सांप्रदायिक तनाव अभी तक खत्म नहीं हो पाया है।
कैसे शुरू हुआ विवाद
मिली जानकारी के अनुसार विवाद की शुरूआत सोमवार रात 11 से 12 बजे के बीच हुई। जब अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोग ईद के मौके पर जालोरी गेट के पास एक चौराहे पर धार्मिक झंडे लगा रहे थे। उन्हें ऐसा करता देख दूसरे समुदाय के लोग पहुंच गए। उनका दावा था कि चौराहे पर स्थापित स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा पर इस्लामिक झंडा लगाया जा रहा था। जिसका वे लोग विरोध कर रहे थे क्योंकि परशुराम जयंती के अवसर पर वहां लगे भगवा ध्वज को हटाकर इस्लामिक ध्वज लगा दिया गया था। इसको लेकर दोनों समुदाय के लोग आमने सामने आ गए और फिर झड़प शुरू हो गई। पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठी चार्ज भी किया।और हालात को देर रात काबू में पा लिया गया। लेकिन सुबह फिर हिंसा शुरू हो गई। जोधपुर पुलिस आयुक्त नवज्योति गोगोई ने बताया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और उपद्रवियों पर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। पुलिस कर्मियों को मामूली चोटें आई हैं।
नमाज के बाद फिर हिंसा
अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इलाके में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई । लेकिन इसके बावजूद जब मंगलवार को सुबह जालोरी गेट के पास ईदगाह पर ईद की नमाज अदा की गई तो नमाज के बाद फिर तनाव बढ़ गया। और इलाके में पथराव शुरू हो गया जिसमें कुछ वाहन क्षतिग्रस्त भी हुए। और स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा है कि स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा जी की प्रतिमा पर अराजक तत्वों द्वारा इस्लामिक झंडे लगाना एवं परशुराम जयंती पर लगे केसरिया झंडे हटाना निंदनीय है। साथ ही पूनिया ने राज्य सरकार से मांग कि है कि अराजक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई हो, राज्य में कानून का राज स्थापित हो।
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