- ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव के लिये एक दिसंबर को होगा मतदान
- मुख्य मुकाबला, बीजेपी- टीआरएस औऱ मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के बीच
- जीएचएमसी के 150 वार्डों के लिए होने वाले चुनाव में 1,122 उम्मीदवार मैदान में
हैदराबाद: ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में 150 सीट है और ग्रेटर हैदराबाद में 4 जिले हैं - पहला हैदराबाद, रंगारेड्डी , मेडचल -मलकाजगिरी और संगरेड्डी। ग्रेटर हैदराबाद में 24 विधान सभा और 5 लोक सभा सीट शामिल है। चुनाव होगा दिसंबर 1 को और रिजल्ट घोषित होगा दिसंबर 4 को । टीआरएस , बीजेपी और कांग्रेस 150 और एआईएमआईएम 51 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
सबसे पहले देखते हैं 2016 ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में पार्टी पोजिशन
पार्टी | सीट |
टीआरएस | 99 |
एआईएमआईएम | 44 |
बीजेपी | 3 |
काँग्रेस | 2 |
टीडीपी | 1 |
अन्य | 1 |
कुल | 150 |
अब तुलना करते हैं 2009 और 2016 ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम परिणामों (ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम परिणाम)
पार्टी | 2009 | 2016 | नफा/नुकसान |
टीआरएस | -- | 99 | +99 |
एआईएमआईएम | 43 | 44 | +1 |
बीजेपी | 4 | 3 | -1 |
काँग्रेस | 52 | 2 | -50 |
टीडीपी | 45 | 1 | -44 |
अन्य | 6 | 1 | -5 |
कुल | 150 | 150 |
अब देखिए 2018 तेलंगना विधान सभा चुनाव में क्या हुआ ? (तेलंगना विधान सभा चुनाव 2018 )
पार्टी | वोट % | सीट |
टीआरएस | 46.9 | 88 |
काँग्रेस | 28.4 | 19 |
एआईएमआईएम | 2.7 | 7 |
बीजेपी | 7.1 | 1 |
टीडीपी | 3.5 | 1 |
अन्य | 11.4 | 2 |
कुल | 100 | 118 |
के सी आर के नेतृत्व में टीआरएस सपष्ट बहुमत के साथ सत्ता में आ गयी ।
बीजेपी के लिए असली खेल शुरू होता है 2019 लोक सभा चुनाव के साथ । देखिए हुआ क्या ?
तेलंगना लोक सभा चुनाव 2019
पार्टी | वोट % | सीट |
टीआरएस | 41.29 | 9 |
बीजेपी | 19.45 | 4 |
काँग्रेस | 29.48 | 3 |
एआईएमआईएम | 2.78 | 1 |
अन्य | 7 | - |
कुल | 100 | 17 |
यानि सीटों के मामले में बीजेपी काँग्रेस को छोड़ते हुए दूसरे स्थान पर पहुँच गयी।
अब देखिए विधान सभा और लोक सभा चुनावी में वोटों के खेल में क्या हुआ ? (तेलंगना विधान सभा चुनाव 2018 और लोक सभा चुनाव 2019 में वोट %)
पार्टी | 2018 | 2019 | स्विंग नफा/ नुकसान |
टीआरएस | 46.9 | 41.29 | -5.61 |
बीजेपी | 7.1 | 19.45 | +12.35 |
काँग्रेस | 28.4 | 29.48 | +1.05 |
एआईएमआईएम | 2.7 | 2.78 | +0.08 |
अन्य | 14.9 | 7 | -7.90 |
कुल | 100 | 100 |
बीजेपी के लिए दूसरा फायदा
2019 के लोक सभा चुनाव ने बीजेपी को सबसे बड़ी बढ़त दी यानि सीट और वोट प्रतिशत दोनों में भारी उछाल और तभी बीजेपी को लगने लगा कि बीजेपी के लिए कर्नाटक के बाद दूसरा राज्य साबित होगा तेलंगना।
एक आंकड़ा और देखिए जिससे पता चलता है कि बीजेपी की गाड़ी काँग्रेस से आगे निकाल सकती है । (तेलंगना विधान सभा चुनाव 2018 और लोक सभा चुनाव 2019 के विधान सभा सीट में लीड)
पार्टी | 2018 | 2019 | स्विंग नफा/ नुकसान |
टीआरएस | 88 | 71 | -17 |
बीजेपी | 1 | 21 | +20 |
काँग्रेस | 19 | 21 | +2 |
एआईएमआईएम | 7 | 06 | -1 |
अन्य | 2 | -- | -2 |
कुल | 119 | 119 |
बीजेपी के लिए तीसरा फायदा
यानि 2018 के किधन सभा चुनाव में बीजेपी को सिर्फ 1 सीट मिली थी जबकि 2019 के लोक सभा चुनाव परिणाम के लीड में 21 सीट यानि 20 सीटों का भारी फायदा ।
बीजेपी के लिए चौथा फायदा
बीजेपी को तेलंगाना के डबका विधानसभा उपचुनाव की जीत ने इतना हौसला बढ़ा दिया है कि बीजेपी ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है । डबका विधानसभा सीट टीआरएस और केसीआर का गढ़ माना जाता रहा है और उसी गढ़ को बीजेपी ने भेद दिया है ।
अब असली सवाल BJP के लिए हैदराबाद नगर निगम चुनाव इतना अहम क्यों बन गया है?
पहला , दक्षिण भारत में कर्नाटक के बाद तेलंगना दूसरा ऐसा राज्य है जहां बीजेपी को एक संभावना दिख रही है और जिसका आधार है उपरोक्त एलेक्टोराल गेन्स ।
दूसरा , ग्रेटर हैदराबाद में 24 विधान सभा और 5 लोक सभा सीट है जिसका परिणाम एक स्पष्ट संकेत देगा 2023 तेलंगना विधान सभा चुनाव का ।
तीसरा , ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में लगभग 50 सीट मुस्लिम बहुल इलाकों में है जहां लोक सभा एमपी असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी एआईएमआईएम का काफी प्रभाव रहा है । पहली बार बीजेपी एआईएमआईएम के खिलाफ मैदान में उतार गयी है जिससे वोटों का पोलराइजेसन होना तय है जिसका फायदा सीधे सीधे बीजेपी और एआईएमआईएम को होना तय लग रहा है ।
चौथा , बीजेपी केसीआर और टीआरएस को परिवारवाद बढ़ाने वाली पार्टी के रूप में स्थापित करने में लगी है क्योंकि टीआरएस में केसीआर , केटीआर और कविता की ही चलती है ना कि अन्य किसी नेता की।
पाँचवा , यही कारण है कि बीजेपी के सारे टॉप ब्रास लीडर्स हैदराबाद के चुनावी मैदान में उतर गए हैं । गृह मंत्री अमित शाह , बीजेपी प्रेसीडेंट जे पी नड्डा, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर , स्मृति ईरानी , किशन रेड्डी , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी , महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फदनविस और कई बड़े नेता हैदराबाद चुनाव में प्रचार कर चुके हैं ।
यही कारण है कि बीजेपी ने हैदराबाद चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है । देखना ये होगा कि इतनी ताकत लगाने के बाद बीजेपी को मिलता क्या है और किसको कितना मिलेगा ये फैसला करेगी हैदराबाद की जनता जिसके लिए हमें इंतज़ार करना होगा दिसम्बर 4 का।