मुंबई: शिवसेना के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को सेना भवन में मौजूद शिवसेना के जिला नेताओं के साथ बैठक की। सीएम इस बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुई। सीएम ठाकरे ने बैठक में कहा कि मेरी गर्दन और सिर में दर्द था, मैं ठीक से काम नहीं कर पा रहा था, मैं अपनी आँखें नहीं खोल सकता था लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं थी। शिवाजी महाराज हार गए लेकिन लोग हमेशा उनके साथ थे। सूत्र के मुताबिक सीएम ने कहा कि एकनाथ शिंदे के बेटे शिवसेना के सांसद हैं, मैंने उनके लिए सब कुछ किया। मेरे पास जो विभाग था वह शिंदे को दिया गया था। लेकिन वह मुझ पर कई आरोप लगा रहे हैं। मैंने एकनाथ शिंदे के लिए सब कुछ किया।
मध्य मुंबई के दादर में शिवसेना भवन में पार्टी की जिला प्रमुखों और 'संपर्क प्रमुखों' को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए उद्धव ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास खाली कर दिया है, लेकिन उनका दृढ़ संकल्प बरकरार है। उन्होंने कहा कि पहले भी पार्टी में विद्रोह होने के बावजूद शिवसेना दो बार सत्ता में आई। मैंने मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास वर्षा खाली कर दिया है, लेकिन अपना दृढ़ संकल्प नहीं छोड़ा। ठाकरे ने कहा कि पिछले ढाई साल में उन्होंने अपनी खराब सेहत के साथ-साथ कोविड-19 महामारी से लड़ाई लड़ी, लेकिन विरोधियों ने इस स्थिति का फायदा उठाया।
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उद्धव ठाकरे ने बगावत का सामना कर रही अपनी पार्टी के पदाधिकारियों से शुक्रवार को बातचीत की और पार्टी तथा महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के अस्तित्व को लेकर जारी आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया। शिवसेना, एकनाथ शिंदे के अलग होने और कई विधायकों के समर्थन से उनके एक विद्रोही गुट बनाने के बाद पार्टी के अंदर बगावत का सामना कर रही है। शिंदे वर्तमान में शिवसेना के कम से कम 38 बागी विधायकों और 10 निर्दलीय विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने दावा किया है कि उनके नेतृत्व वाला गुट असली शिवसेना है।