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अगर उसे थप्पड़ मारा होता तो अबू सलेम डान न बना होता...Let Me Say It Now में खुलासा

Updated Feb 18, 2020 | 21:18 IST

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर रहे राकेश मारिया ने अपनी किताब Let me say it now में विस्फोटक खुलासे किए हैं, वो लिखते हैं अगर उस युवती पर भरोसा नहीं किया होता तो अबू सलेम डॉन नहीं बना होता।

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अबू सलेम
मुख्य बातें
  • अबू सलेम ने टी सीरीज के फाउंडर गुलशन कुमार की हत्या के लिए था जिम्मेदार
  • 93 मुंबई बम धमाकों में भी था शामिल, दुबई के बाद पुर्तगाल भागा और वहां गिरप्तारी हुई
  • यूपी के आजमगढ़ का रहने वाला है अबू सलेम

नई दिल्ली। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया की किताब लेट मी से इट नाउ तहलका मचा रही है। इस किताब में उन्होंने अंडरवर्ल्ड, मुंबई हमलों के साथ साथ शीना बोरा मर्डर केस में पीटर का हाथ होने से लेकर बेबाकी से बताया है कि कैसे उनके ही एक अधिकारी ने अंधेरे में रखा था। उस वजह से वो तत्कालीन सीएम देवेंद्र फडणवीस को सही जानकारी देने में नाकाम रहे थे। इसके साथ ही टीसीरीज के हत्यारे अबू सलेम के बारे में भी खुलासा कुछ यूं करते हैं। वो कहते हैं कि अगर एक औरत जिसका नाम जेबुनिस्सा काजी था अगर उसके साथ वो थोड़ी सख्ती के साथ पेश आए होते तो अबू सलेम अंडरवर्ल्ड डॉन नहीं होता। 

कौन है जेबुनिस्सा काजी
जेबुनिस्सा काजी के बारे में वो कुछ इस तरह अपनी किताब में लिखते हैं, क्या भयंकर भूल थी जो मेरे से हुई। मेरा मानना था कि झूठ बोलने में माहिर इस औरत से सहानुभूति या दया दिखाने की जगह मैंने शुरू में ही उसे तमाचा जड़ा होता तो बॉम्बे अंडरवर्ल्ड की कहानी कुछ अलग ही होती। वो कहते हैं कि उस लड़की को समझने में बड़ी भूल हुई और सालों तक पछताना पड़ा। 

यूपी के आजमगढ़ का है अबू सलेम
अबू सलेम आजमगढ़ के एक छोटे से कस्बे सरायमीर का रहने वाला था और आगे जाकर कुख्या सरगनाओं में से एक बना। इसके साथ ही वो लिखते हैं कि जब संजय दत्त का नाम अवैध हथियारों के सिलसिले में आया तो वो हैरान रह गये। मारिया लिखते हैं कि जांच के सिलसिले में वो जेबुनिस्सा काजी के घर गए जो बांद्रा के माउंट मैरी के पास रहती थी। इसी जगह से हथियार संजय दत्त के घर से लाकर रखे गए थे।मारिया कहते हैं कि जब पूछताछ के लिए उस युवती को बुलाया गया तो आते ही उसने रोना शुरू कर दिया और कहने लगी कि वो अपनी तीन बेटियों के साथ साथ तमाम तरह की दिक्कतों से घिरी हुई है। उसने खुद को मासूम बताया। सबसे बड़ी बात यह थी कि उसने अपने नाटक से हम सबको अपने झांसे में ले लिया। 

जेबुनिस्सा के आंसुओं ने दिया घोखा
मारिया ने अपनी किताब में लिखते हैं कि जेबुनिस्सा के बाद  मंजूर अहमद से पूछताछ की गई। दरअसल उसकी कार दूसरी ट्रिप के लिए इस्तेमाल की गई थी। बड़ी बात यह है कि मंजूर ने ही जेबुन्निसा के बारे में बताया था। जेबुनिस्सा को को छोड़ने के बाद मारिया ने मंजूर अहमद से दोबारा पूछताछ की थी। उसने बताया कि आप उस लड़की को जितना मासूम समझ रहे हैं वैसे वो नहीं है। वो बहुत कुछ जानती है। लेकिव वो भरोसा नहीं कर सके। लेकिन उनके दिमाग में मंजूर की बाच चलती रही। मारिया लिखते हैं कि जब वो  दोबारा उनके सामने आई तो वो गुस्से में उठे। लेकिन उसने माफी के लिए गिड़गिड़ाना शुरू कर दिया और वो कड़ाई से पेश नहीं आए।  सबसे बड़ी बात यह थी कि उसने कबूल किया था कि अबू सलेम ने हथियार उसके घर पर छोड़े थे और उसका अंधेरी का पता भी बताया था।

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