- पिछले छह महीनों में जहरीली शराब से राज्य में कथित तौर पर 50 से अधिक लोगों की मौत हुई है।
- बिहार में अप्रैल 2016 से शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध है।
- तेजस्वी यादव के नेतृत्तव में विपक्ष,शराबबंदी को फेल बताता रहा है।
Bihar liquor Ban: बिहार में मेडिकल कॉलेज के परिसर में अवैध शराब पकड़ी गई है। अवैध शराब की बिक्री के लिए आरोपियों ने टेट्रा पैक का इस्तेमाल किया था। मामला मुजफ्फरपुर जिले के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मेस का है। जहां पर पुलिस की छापेमारी में 51 लीटर अवैध शराब बरामद की गई है। न्यूज एजेंसी के अनुसार अहियापुर पुलिस थाना अध्यक्ष नितेश कुमार ने रविवार को बताया कि मेस हॉल जो मुख्य रूप से मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्रों के लिए है, वहां पर टेट्रापैक में अवैध रूप से शराब बेचे जाने की सूचना मिलने पर छापेमारी की गई और 51 लीटर अवैध शराब बरामद की गई।
2 लोग गिरफ्तार
नितेश कुमार के अनुसार इस मामले में मेस हॉल के प्रभारी सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और आगे की जांच जारी है। बिहार में अप्रैल 2016 से शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। हालांकि, दूसरे राज्यों से तस्करी कर लाए गए शराब की जब्ती आए दिन होने के अलावा पिछले छह महीनों में जहरीली शराब से राज्य में कथित तौर पर 50 से अधिक लोगों की मौत हुई है।
बिहार में अवैध शराब के मामले लगातार बढ़े
पिछले 6 साल से बिहार में शराब बंदी होने के बावजूद लगातार जहरीली शराब पीने से लोगों के मौत के मामले सामने आते रहे हैं। इसके अलावा दूसरे राज्यों से आने वाली अवैध शराब की बिक्री भी बढ़ी है। जिसकी वजह से नीतीश प्रशासन पर सवाल उठते रहे हैं। और यह एक राजनीतिक मुद्धा भी बना गया है। तेजस्वी यादव के नेतृत्तव में विपक्ष, जहां शराबबंदी को फेल बताता रहा है। वहीं नीतीश कुमार सरकार इसे बेहद सफल बताती रही है। उसका कहना है कि सरकार की कार्रवाई का ही असर है कि बिहार में बड़े पैमाने पर अवैध शराब की बिक्री पर लगाम कसी जा सकी है। हालाकि चुनावी तौर नीतीश कुमार की जीत में , खास तौर से महिलाओं का समर्थन हासिल करने में शराबबंदी बड़ा मुद्धा रही है।