

नई दिल्ली: भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने स्नातकोत्तर डिग्रीधारक आयुर्वेद चिकित्सकों को सामान्य सर्जरी की अनुमति देने से संबंधित सरकारी अधिसूचना के खिलाफ आज देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। इस हड़ताल का असर प्राइवेट हॉस्पिटल, डायग्नोस्टिक सेंटर, पैथोलॉजी पर देखा जा रहा है। आपातकालीन और कोविड को छोड़कर सभी सेवाएं इस हड़ताल के दौरान ठप रहेंगी और इसका असर सरकारी अस्पतालों पर भी देखने को मिल सकता है।
कई मेडिकल एसोसिएशनों का समर्थन
आईएमए द्वारा बुलाई गई इस हड़ताल के समर्थन में कई मेडिकल एसोसिएशन आगे आए हैं। AIIMS के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, मौलाना आज़ाद और एफओआरडीए जैसे अन्य संगठनों ने IMA के समर्थन में बयान जारी किए हैं और केंद्र द्वारा आयुष डॉक्टरों को सामान्य सर्जरी की प्रक्टिस करने की अनुमति देने का विरोध किया है। संबंधित डॉक्टर आईएमए के समर्थन में काले रिबन पहनकर आपातकालीन सेवाओं में अपनी ड्यूटी दे रहे हैं।
आदेश को वापस लेने की मांग
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का आरोप है कि इस कदम से 'अव्यवस्था' फैलेगी। वहीं आईएमए ने कहा कि निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों के डॉक्टरों ने देश के हर जिले में सड़कों पर उतरकर आयुष मंत्रालय के तहत आने वाले केन्द्रीय भारतीय औषधि परिषद की इस अधिसूचना के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। आईएमए ने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।
मिक्सोपैथी
महाराष्ट्र में आईएमए की 219 शाखाओं के 45,000 डॉक्टरों सहित महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल से पंजीकृत 110,000 डॉक्टरों ने भी हड़ताल को समर्थन दिया है। वहीं कर्नाटक में भी निजी ओपीडी सुबह 9 से शाम 6 बजे तक बंद हैं। डॉक्टरों की इस हड़ताल की वजह से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आईएमए ने ट्वीट करते हुए कहा, 'आईएमए अपनी मान्यता प्राप्त संबंधित प्रणाली के तहत दवाओं को निर्धारित करने वाली किसी भी मान्यताप्राप्त प्रणाली के खिलाफ नहीं है। मिक्सोपैथी का ना कहें।'