- सीएम गहलोत का शहर जल रहा था और वो जन्मदिन की शुभकामनाएं लेने में व्यस्त थे
- पहले करौली में हिंसा..अब जोधपुर में तनाव, गहलोत सरकार पर बरसी बीजेपी
- गजेंद्र सिंह बोले- एक एक पक्ष ही हिंसा का जिम्मेवार, दूसरा पक्ष है पीड़ित
Jodhpur Violence: राजस्थान के जोधपुर शहर में सांप्रदायिक तनाव के बाद मंगलवार को 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की तथा उच्च स्तरीय बैठक के बाद हालात पर काबू पाने के लिए गृह राज्यमंत्री राजेंद्र यादव सहित आला अधिकारियों को तत्काल जोधपुर जाने के निर्देश दिए। इस हिंसा को लेकर राजनीति तेज हो गई है। इस हिंसा को लेकर बीजेपी गहलोत सरकार पर बरस गई है।
शेखावत का गहलोत पर निशाना
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, 'सरकार के बेजा हस्तक्षेप के कारण राजस्थान में इस तरह की घटनाएं हो रही है, जोधपुर भी उसी का उदाहरण हैं। हिंसा रोकने में गहलोत सरकार नाकाम है। घरों में घुसकर लोगों के साथ अत्याचार हुआ उनके सिर फोड़ दिए गए, मंदिर को क्षति पहुंचाने की कोशिश के अलावा महिलाओं के साथ बदतमीजी किया गया। इसके बाद चौक में मजहब विशेष के नारे लगाए, और पुलिस मूकदर्शक बनी है। इससे साफ है कि पुलिस और प्रशासन किसी अदृश्य शक्ति के दवाब में काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने घटना के दौरान किसी तरह का ट्वीट नहीं किया जबकि आज दोपहर में किया।'
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जोधपुर को करौली बनाने की कोशिश
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जोधपुर को करौली बनाने की कोशिश हुई, उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री के अपने शहर में दंगा चल रहा था, अपने शहर में हिंसा हो रही थी तब वो जन्मदिन के गुलदस्ते लेने और जन्मदिन मना रहे हैं। कांग्रेस पार्टी जयपुर में बैठकर कहती है कि बीजेपी और आरएसस दंगा कराती है। मैं पूछता हूं कि जहां दंगा हुआ वहां भाजपा या संघ का कोई कार्यकर्ता मौजूद था? पुलिस एफआईआर लेने को तैयार नहीं थे, बाद में दवाब में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। हमने प्रशासन को इसे लेकर आगाह किया है नहीं तो हम फिर धरना करेंगे। आज की घटना में कोई दूसरा पक्ष था ही नहीं, दूसरा पक्ष केवल पीड़ित पक्ष था। एक छोटी सी बच्ची जिसकी कोई गलती नहीं थी उसके कपड़े फाड़ने की कोशिश की गई और टांग तोड़ दी गई। किसी की दुकान तोड़ दी गई। हम सबस जोधपुर की शांति को बनाए रखने वाले लोग हैं।केवल राजनीति ना हो , बल्कि प्रभावी कार्रवाही हो ऐसा हमारा आग्रह है।'
प्राप्त जानकारी के अनुसार हिंदू समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया कि वहां परशुराम जयंती पर लगाए गए ध्वज को हटाकर इस्लामी ध्वज लगाया गया, इसको लेकर दोनों समुदाय के लोग आमने सामने आ गए और झड़प हो गई।
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