- UPA सरकार ने माना था कि वह महंगाई पर काबू नहीं कर सकती: प्रधानमंत्री मोदी
- हमने कोविड महामारी के बावजूद महंगाई को बेकाबू नहीं होने दिया: पीएम मोदी
- जब गरीबी तो नहीं हटी तो जनता ने कांग्रेस को सत्ता से हटा दिया: मोदी
देश में बढ़ रही महंगाई को लेकर मोदी सरकार पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में इस पर जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष ने यहां महंगाई का मुद्दा उठाया है, अच्छा रहता कि उनकी सरकार के सत्ता में रहते हुए वह महंगाई के मामले को उठाते । महामारी में भी हमारी सरकार ने महंगाई से निपटने की कोशिश की है। 2014-2020 के दौरान मुद्रास्फीति दर 5% से नीचे थी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने 'गरीबी हटाओ' नारे के कारण कई चुनाव जीते लेकिन ऐसा करने में असफल रही। फिर इस देश के गरीबों ने उन्हें हटा दिया। पीएम मोदी ने यहां देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जिक्र करते हुए कहा कि पंडित नेहरू ने कहा था कि कभी कभी कोरिया में लड़ाई भी हमें प्रभावित करती है। इसके चलते वस्तुओं की कीमते बढ़ जाती है और यह हमारे नियंत्रण से भी बाहर हो जाती है। देश के सामने देश का पहला प्रधानमंत्री महंगाई के सामने हाथ खड़े कर देते हैं। पंडित नेहरू ने कहा कि अगर अमेरिका में भी कुछ हो जाता है तो इसका असर वस्तुओं की कीमतो पर पड़ता है। 2011 में तत्कालीन वित्त मंत्री जी ने लोगों से बेशर्मी के साथ कह दिया था कि महंगाई कम करने के लिए किसी अलादीन के जादू की उम्मीद न करें।
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के पी चिदंबरम इन दिनों अखबारों में अर्थव्यवस्था पर लेख लिख रहे हैं। 2012 में उन्होंने कहा था कि जनता परेशान नहीं है। वो पानी की बोतल पर 15 रुपए और आइसक्रीम पर 20 रुपए खर्च कर सकते हैं, लेकिन जब गेहूं और चावल की कीमतों में 1 रुपए की वृद्धि हो जाती है तो जनता बर्दाश्त नहीं कर सकती। भारत को यूपीए सरकार के समय दो अंकों की मुद्रास्फीति झेलनी पड़ी थी, सरकार ने तब माना था कि वह महंगाई पर काबू नहीं कर सकती। हमने कोविड महामारी के बावजूद महंगाई को बेकाबू नहीं होने दिया, खाद्य मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत से नीचे बनी रही। अगर आज कांग्रेस सत्ता में होती तो उसने महंगाई बढ़ने के लिए कोविड को जिम्मेदार ठहराया होता और आगे बढ़ गई होती।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में इस देश में किसी को भूखा न रहना पड़े। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया और आज भी करा रहे हैं।
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