भारत और पाकिस्तान ने मंगलवार को स्थायी सिंधु आयोग की 31 मार्च 2022 को समाप्त होने वाली वार्षिक रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया और उस पर हस्ताक्षर किए। दोनों देशों के बीच मंगलवार को संपन्न हुई दो दिवसीय 118वीं स्थायी सिंधु आयोग की बैठक में रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया गया।
विदेश मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि बैठक सौहार्दपूर्ण तरीके से हुई और आयोग ने सिंधु जल संधि के तहत द्विपक्षीय चर्चा के माध्यम से अक्सर बातचीत करने और मुद्दों को हल करने के लिए दोनों पक्षों की प्रतिबद्धता की सराहना की। PIC की अगली बैठक पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथियों पर पाकिस्तान में आयोजित करने पर सहमति हुई।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सिंधु जल आयुक्त एके पाल ने किया और पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सिंधु जल के पाकिस्तान आयुक्त सैयद मुहम्मद मेहर अली शाह ने किया। स्थायी सिंधु आयोग (PIC) की 117वीं बैठक इस्लामाबाद में 1-3 मार्च 2022 तक आयोजित की गई थी।
सिंधु जल संधि (IWT) 1960 के प्रावधानों के अनुसार दोनों देशों में सिंधु आयुक्त हैं और स्थायी सिंधु आयोग को हर साल कम से कम एक बार भारत और पाकिस्तान में मिलना है। संधि सिंधु घाटी की छह नदियों के पानी के बंटवारे से संबंधित है। सिंधु बेसिन की छह नदियों में से भारत का तीन पूर्वी नदियों- सतलुज, ब्यास और रावी पर पूर्ण अधिकार है, जबकि पश्चिमी नदियों- चिनाब, झेलम और सिंधु पर पाकिस्तान का अधिकार है।