नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच सीमा विवाद से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए शनिवार को यहां 22वें दौर की वार्ता हुई, जिसमें भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन की ओर से विदेश मंत्री वांग यी ने हिस्सा लिया। इस वार्ता में शामिल होने के लिए चीन के विदेश मंत्री शुक्रवार रात यहां पहुंचे।
डोभाल और वांग यी के बीच वार्ता विशेष प्रतिनिधि वार्ता फ्रेमवर्क के तहत हुई। दोनों भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर बातचीत के लिए अपने-अपने देशों के विशेष प्रतिनिधि हैं। दोनों देशों के बीच इस फ्रेमवर्क के तहत 21 दौर की वार्ता पहले ही हो चुकी है। इस बातचीत में लगभग 3,5000 किलोमीटर लंबी सीमा से जुड़े कई पहलुओं पर चर्चा की गई। इस बातचीत में भारत और चीन ने सीमा और आसपास के क्षेत्रों में शांति एवं सौहार्द बनाए रखने का संकल्प दोहराया।
यह इस साल अक्टूबर में तमिलनाडु के ममल्लापुरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक के बाद भारत और चीन के बीच पहली कोई शीर्ष स्तरीय वार्ता रही। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के संबंध में विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के लिए वांग को सितंबर में ही भारत आना था, पर यह दौरा उस वक्त टल गया था।
यहां उल्लेखनीय है कि वांग यी के इस दौरे से पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन की ओर से कश्मीर पर एक प्रस्ताव भी लाया गया था, जिसमें बंद कक्ष में चर्चा की बात कही गई थी। बताया जाता है कि चीन वांग यी के दौरे से पहले इसका इस्तेमाल भारत पर दबाव बनाने के लिए करना चाहता था, पर उसे इसमें सुरक्षा परिषद के किसी भी सदस्य का साथ नहीं मिला और अंतत: उसने अपना प्रस्ताव मंगलवार को होने वाली चर्चा से पहले ही वापस ले लिया।