- पूर्वी लद्दाख के कई जगहों पर भारत और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है
- इस गतिरोध को दूर करने के लिए दोनों देशों के बीच 13 दौर की वार्ता हो चुकी है
- पूर्वी लद्दाख की कई जगहों से अपने सैनिकों को पीछे हटाने के लिए तैयार नहीं है चीन
India-China commander level talk : पूर्वी लद्दाख के गतिरोध वाले स्थानों का हल निकालने के उद्देश्य भारत और चीन के शीर्ष सैन्य कमांडरों के बीच 14वें दौर की वार्ता शुरू होगी। अधिकारियों का कहना है कि भारत को उम्मीद है कि इस बैठक का सकारात्मक नतीजा निकलेगा। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच अब तक 13 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन पूर्वी लद्दाख के गतिरोध वाली जगहों का हल अभी नहीं निकल सका है। रिपोर्टों की मानें तो टकराव टालने वाली रणनीति के तहत पेंगांग लेक, गोगरा हॉट स्प्रिंग एवं गलवान घाटी सहित गतिरोध वाली जगहों पर बफर जोन का निर्माण किया गया है। फिर भी गतिरोध तोड़ने के लिए दोनों देश किसी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंच सके हैं।
डेपसांग एवं डेमचोक पर बात करने से कतराता है चीन
रिपोर्टों में कहा गया है कि भारत का जोर डेपसांग एवं डेमचोक सहित पूरे पूर्वी लद्दाख से सैनिकों को पीछे हटाने पर रहा है। इन जगहों पर बड़ी संख्या में सैनिकों का जमावड़ा है। चीन इन स्थानों को वार्ता में शामिल करने से परहेज करता आया है। इस बैठक में भारत की ओर से 14वीं कोर के नवनियुक्त कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता हिस्सा लेंगे। हाल ही में अपनी वार्षिक समीक्षा में रक्षा मंत्रालय ने एलएसी पर यथा स्थिति में बदलाव करने की चीन की कोशिशों को 'उकसावे वाली कार्रवाई' बता चुका है।
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चीन ने पूर्वी लद्दाख की स्थिति को ‘सामान्यत: स्थिर’बताया
वहीं, चीन की ओर से 14वें दौर की वार्ता की पुष्टि की गई है। उसने पूर्वी लद्दाख की स्थिति को ‘सामान्यत: स्थिर’बताया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘जैसा कि दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी है, चीन और भारत 12 जनवरी को चीन की ओर माल्दो बैठक स्थल पर 14वें दौर की कमांडर स्तरीय वार्ता करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘इस वक्त, चीन-भारत सीमा पर स्थिति सामान्यत: स्थिर है।’
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13वें दौर की सैन्य वार्ता 10 अक्टूबर 2021 को हुई
नई दिल्ली स्थित सूत्रों के मुताबिक, भारत और चीन के बीच ‘वरिष्ठ उच्चतम सैन्य कमांडर स्तरीय’ वार्ता वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीन की ओर चुशुल-मोल्दो में 12 जनवरी को होगी। उन्होंने बताया कि वार्ता का मुख्य केंद्र बिंदु हॉट स्प्रिंग इलाके में सैनिकों को पीछे हटाना होगा। यह उम्मीद की जा रही है कि भारत देपसांग बल्ग और डेमचोक में मुद्दों के समाधान सहित टकराव वाले सभी शेष स्थानों पर यथाशीघ्र सैनिकों को पीछे हटाने के लिए जोर देगा। इससे पहले 13वें दौर की सैन्य वार्ता 10 अक्टूबर 2021 को हुई थी और गतिरोध दूर नहीं कर पाई थी।