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कोरोना वैक्सीन के ट्रायल में भारत भी एक कदम आगे बढ़ा, पीएम नरेंद्र मोदी ने की अहम समीक्षा

Updated May 06, 2020 | 00:56 IST

corona vaccine trial: कोरोना के खिलाफ वैक्सीन बनाने की कवायद जारी है। इस सिलसिले में कुछ भारतीय कंपनियां ट्रायल की दिशा में एक कदम आगे बढ़ चुकी हैं।

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पूरी दुनिया को कोरोना के खिलाफ वैक्सीन का इंतजार
मुख्य बातें
  • देशभर में कोरोना के मामले 46 हजार के पार
  • महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित
  • कोरोना के खिलाफ वैक्सीन बनाने की समीक्षा पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद की

नई दिल्ली। इस समय पूरी दुनिया के साझा दुश्मन का नाम कोरोना वायरस है। अनदेखा दुश्मन पूरी ताकत के साथ आक्रमण कर रहा है और दुनिया के शक्तिशाली मुल्क लाचार हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि इस वर्ष के अंत तक कोरोना की वैक्सीन बाजार में होगी तो इजराइल ने वैक्सीन बना लेने का दावा किया है। इन सबके बीच भारत में अलग अलग शोधकर्ता और वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं, उम्मीद है कि क्लीनिकल ट्रायल भी शुरू हो जाएगा। इस संबंध में पीएम नरेंद्र मोदी ने बैठक की। 

वैक्सीन के संबंध में पीएम मोदी की समीक्षा बैठक
कोरोना वायरस वैक्सीन के संबंध में बनी टास्क फोर्स की बैठक पीएम मोदी ने की और प्रगति की समीक्षा की। बता दें कि करीब 30 कंपनियां वैक्सीन बनाने के अलग अलग चरणों में हैं, कुछ कंपनिया तो अब ट्रायल की दिशा में आगे बढ़ चुकी हैं। वो कंपनिया जो इस दिशा में आगे बढ़ रही हैं वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त हैं। इसके साथ ही जो शोधकर्ता इस दिशा में काम कर रहे हैं उन्हें भी महारत हासिल है। 

वैक्सीन ट्रायल की दिशा में सकारात्मक प्रगति
बताया जा रहा है कि कोरोना से बचाव की दिशा में वैक्सीन बनाने की दिशा में सकारात्मक प्रगति हुई है। इस क्रम में पांच दवाएं या वैक्सीन अपने अंतिम चरण में है। इस संबंध मे टास्क फोर्स के साथ पीएम मोदी ने गंभीर चर्चा की और भरोसा दिलाया कि सरकार की तरफ से हरसंभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि जो शोधकर्ता इस दिशा में काम कर रहे हैं वो अपना बेहतर प्रदर्शन करें। कोरोना के खिलाफ वैक्सीन पूरी मानव जाति की जीत होगी। 

पीएम ने हैकॉथन पर दिया जोर
इसके साथ ही उन्होंने बीमारी की जानकारी समय पर हो इस पर बल दिया। उन्होंने कहा कि तेजी से हम कैसे जांच की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं और इसके लिए किस तरह से वैज्ञानिक विधियों का विकास हो सकता है उस पर काम करना होगा। दवा, टीका और जांच से जुड़े मामलों पर उन्होंने हैकॉथन कराने का सुझाव दिया ताकि बेहतरीन विचार सामने आ सकेंगे और उसके जरिए कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बेहतरीन हथियार हासिल होगा।  

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