Monkeypox : दुनिया में सामने आ रहे मंकी पाक्स के मामलों के बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा है कि देशों में फैल रहे इस संक्रमण को देखते हुए भारत इसका सामना करने के लिए तैयार है। आईसीएमआर ने शुक्रवार को कहा कि देश में इस बीमारी का अभी कोई केस नहीं मिला है। समाचार एजेंसी एएनआई के साथ खास बातचीत में आईसीएमआर की वैज्ञानिक डॉक्टर अपर्णा मुखर्जी ने कहा कि इस संक्रमण का सामना करने के लिए भारत तैयार है। यह संक्रामक रोक यूरोप, अमेरिका एवं अन्य सहित नॉन एंडेमिक देशों में तेजी से फैल रहा है। जहां तक भारत की बात है तो अभी इस बीमारी का कोई केस देश में नहीं मिला है।
असामान्य लक्षणों की विशेष तौर पर निगरानी करें
स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने लोगों से शरीर के असामान्य लक्षणों की विशेष तौर पर निगरानी करने की अपील की है। विशेषत्र ने कहा है कि खासकर उन लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है जिन्होंने हाल ही में मंकी पाक्स से संक्रमित देशों की यात्रा की है।
बीमारी को लेकर घबराने की जरूरत नहीं-आईसीएमआर
डॉ. मुखर्जी ने कहा, 'शरीर पर रेशे आने, ज्यादा तेज बुखार, शरीर में दर्द होने पर हमें सावधान रहने की जरूरत है। खासकर ऐसे लोग जिन्होंने संक्रमित देशों की यात्राएं की हैं, वे ज्यादा सावधान रहें।' डॉक्टर ने कहा कि इस बीमारी को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन मंकी पाक्स से संक्रमित हुए व्यक्तियों से दूरी बनाकर रखनी होगी। उन्होंने कहा, 'इस बीमारी का खतरा बच्चों पर ज्यादा है। बुजुर्ग लोगों को स्माल पाक्स की वैक्सीन लगाई जा सकती है। 1980 के बाद जिनको स्माल पाक्स का टीका नहीं लगा है उन पर इस संक्रामक बीमारी का खतरा ज्यादा है। इस बीमारी का इलाज बुजुर्ग और बच्चों दोनों के लिए एक है।'
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कई देशों में मिली है यह बीमारी
यह बीमारी अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, आस्ट्रिया, कैनरी आइलैंड, इजरायलय, स्विटजरलैंड सहित कुछ खास नॉन-एंडेमिक देशों में सामने आई है।