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इजरायल से और अधिक SPICE-2000 बमों को खरीदने की योजना बना रहा भारत, बालाकोट एयर स्ट्राइक में हुए थे इस्तेमाल

Updated Jun 30, 2020 | 23:04 IST

Spice-2000 bombs: चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारत इजरायल से और अधिक स्पाइस-2000 बमों को खरीद सकता है। पिछले साल बालाकोट एयर स्ट्राइक में इन बमों का इस्तेमाल हुआ था।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
स्पाइस-2000 बम
मुख्य बातें
  • भारत स्पाइस-2000 बमों के एडवांस वर्जन को खरीदने की तैयारी कर रहा है
  • इस बम का नया वर्जन बंकरों और मजबूद शेल्टर्स की भी धज्जियां उड़ा सकता है
  • पिछले साल बालाकोट एयर स्ट्राइक में स्पाइस-2000 बमों का इस्तेमाल किया गया था

नई दिल्ली: चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारत स्पाइस-2000 बम के अधिक सक्षम और घातक वर्जन को हासिल करने की योजना बना रहा है। इसके पीछे जमीनी ठिकानों पर मार करने की अपनी क्षमता को और मजबूत करना है। पिछले साल फरवरी में पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायु सेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक में इन बमों का इस्तेमाल किया गया था। हथियारों की खरीद इजरायल से की जाएगी।

सरकार ने सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया है, 'भारतीय वायु सेना के पास पहले से ही स्पाइस-2000 बम हैं। अब स्पाइस-2000 बम जैसे और भी अधिक हथियारों को खरीदने की योजना बनाई जा रही है।' दरअसल, हाल ही में भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने तीनों सेनाओं को 500 करोड़ रुपए तक के जरूरी गोला-बारूद और हथियार खरीदने की इजाजत दी है। इसी के अंतर्गत इन बमों को खरीदा जा सकता है।

उन्होंने बताया कि स्पाइस-2000 बम 70 किलोमीटर तक लक्ष्य को मार सकता है, जबकि इसका नया संस्करण बंकरों और मजबूद शेल्टर्स को भी नष्ट कर सकता है। बालाकोट हवाई हमले में प्रयुक्त संस्करण बेहद मजदूर शेल्टर और इमारतों में घुस सकता है और अंदर जाकर ब्लास्ट कर ध्वस्त सकता है। 

बालाकोट में की थी एयर स्ट्राइक

वायु सेना ने पिछले साल फरवरी में पुलवामा हमले के बाद बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर मिराज-2000 लड़ाकू विमान से स्पाइस-2000 बम गिराए थे। पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसी के बाद भारत ने आतंकियों पर कार्रवाई करने का फैसला किया था। 

चीन के साथ तनाव, सेना तैयार

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले महीने की 5 तारीख से तनाव बना हुआ है। 5-6 मई को पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो क्षेत्र में दोनों देशों की सेना के बीच झड़प हुई थी। इसके बाद दोनों के बीच सैन्य स्तर की बातचीत जारी है। 15 जून को गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए। बताया जाता है कि इस झड़प में चीन को भी काफी नुकसान हुआ। इस संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच स्थिति और बिगड़ गई और दोनों पक्षों ने एलएसी से लगे इलाकों में अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। भारत सरकार ने सशस्त्र बलों को चीन के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने की पूरी छूट दी हुई है। सेना ने पिछले दो सप्ताह में सीमा के पास अग्रिम स्थानों पर हजारों अतिरिक्त बल भेजे हैं। वायुसेना ने भी अहम वायुसेवा अड्डों पर हवाई रक्षा प्रणालियां, लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर तैयार रखे हैं।

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