- पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान को प्रांतीय राज्य का दर्जा देने की घोषणा की है
- भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए पाकिस्तान के कदम को खारिज किया है
- भारत ने दो टूक कहा कि पाकिस्तान को क्षेत्र की स्थिति में बदलाव का कोई अधिकार नहीं है
नई दिल्ली : पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जाए गए गिलगित-बाल्टिस्तान को प्रांतीय राज्य का दर्जा देने की घोषणा की है, जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। भारत ने दो टूक कहा कि पाकिस्तान उस क्षेत्र की स्थिति में बदलाव नहीं कर सकता, जिस पर उसने 'अवैध तरीके से और जबरन कब्जा किया है।'
पाकिस्तान की इमरान खान द्वारा गिलगित-बाल्टिस्तान को देश का अंतरिम राज्य घोषित किए जाने की हिमाकत पर जवाब देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'भारत सरकार पाकिस्तान के भारतीय क्षेत्र में अवैध कब्जे और फेरबदल को खारिज करता है। गिलगित बाल्टिस्तान समेत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर, लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं।'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में किसी भी तरह का बदलाव स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस तरह के प्रयास पाकिस्तान के अवैध कब्जे को छिपाने के लिए किए जा रहे हैं, लेकिन इससे पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के पिछले सात दशकों से अधिक समय तक मानवाधिकारों के उल्लंघन और उन्हें उनकी आजादी से वंचित रखने की बात नहीं छिपाई जा सकती। उन्होंने कहा, 'हम पाकिस्तान से अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने को कहते हैं।'
भारत की यह प्रतक्रिया इमरान खान सरकार द्वारा गिलगित-बाल्टिस्तान को अंतरिम-प्रांतीय राज्य का दर्जा दिए जाने के बाद आई है, जिसकी वजह से इमरान सरकार को गिलगित-बाल्टिस्तान में भारी विरोध-प्रदर्शन का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के राजनीतिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे खुद को कुर्बान कर देंगे, पर पाकिस्तान को क्षेत्र की स्थिति में बदलाव नहीं करने देंगे।