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आत्मनिर्भरता की ओर बढ़े कदम, मित्र देशों को तेजस, टैंक-मिसाइल देगा भारत, निर्यात को मिली मंजूरी  

Updated Feb 04, 2021 | 13:36 IST

अस्त्र मिसाइल बियांड विजुअल हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जो भारतीय वायु सेना की सुखोई30 एमकेआई के साथ इंटीग्रेटेड है। आने वाले समय में, अन्य भारतीय लड़ाकू विमानों के भी अस्त्र के साथ इंटीग्रेटेड किया

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
मित्र देशों को तेजस, टैंक-मिसाइल देगा भारत।

बेंगलुरु : मित्र देशों को अपने हथियारों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, भारत ने गुरुवार को स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान तेजस, आर्टिलरी गन, विस्फोटक, टैंक और मिसाइल, एंटी टैंक माइंस और अन्य के निर्यात को मंजूरी दे दी। कुल मिलाकर, सरकार ने 156 रक्षा हथियारों, उपकरणों के निर्यात को मंजूरी दी। इनमें 19 एरोनॉटिकल सिस्टम्स, 16 परमाणु-जैविक-रासायनिक उपकरण, 41 आयुध और लड़ाकू सिस्टम, 28 नौसैनिक सिस्टम, 27 इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन सिस्टम, 10 जीवन सुरक्षा आइटम, चार मिसाइल सिस्टम, चार माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और सात अन्य मैटेरियल शामिल हैं। यह सूची रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा जारी की गई।

आकाश मिसाइल को पहले निर्यात की मंजूरी मिली थी
इससे पहले, यह आकाश मिसाइल थी जिसे निर्यात के लिए मंजूरी दी गई थी, लेकिन अब 'बियांड विजुअल रेंज' (बीवीआर) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल अस्त्र, एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल नाग और ब्रह्मोस वेपन सिस्टम निर्यात के लिए तैयार हैं।आकाश सतह से हवा में मार करने वाली एक मिसाइल प्रणाली है जो कम दूरी की एयर डिफेंस प्रदान करती है।

अस्त्र मिसाइल का भी होगा निर्यात
अस्त्र मिसाइल बियांड विजुअल हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जो भारतीय वायु सेना की सुखोई30 एमकेआई के साथ इंटीग्रेटेड है। आने वाले समय में, अन्य भारतीय लड़ाकू विमानों के भी अस्त्र के साथ इंटीग्रेटेड किया जाएगा। ब्रह्मोस सेना, नौसेना और वायु सेना द्वारा उपयोग के लिए एक सुपरसोनिक मिसाइल है। इस यूनिवर्सल मिसाइल को जहाजों, मोबाइल लांचर, पनडुब्बियों और एयरक्राफ्ट से लॉन्च किया जा सकता है।

रक्षा उत्पादन निर्यात प्रोत्साहन नीति पर सरकार का जोर
सरकार अब रक्षा उत्पादन निर्यात प्रोत्साहन नीति 2020 के अनुसार, 2025 तक 35,000 करोड़ रुपये (5 अरब अमेरिकी डॉलर) के रक्षा उपकरणों के निर्यात को हासिल करने का लक्ष्य लेकर अपने रक्षा निर्यात को बढ़ा रही है। आत्मनिर्भरता के लिए निर्यात बढ़ाने और घरेलू रक्षा उद्योग का निर्माण करने के उद्देश्य से, नीति 1,75,000 करोड़ रुपये (25 अरब डॉलर) के टर्नओवर का लक्ष्य रखती है। यह नीति भारतीय उद्योग से घरेलू खरीद को दोगुना करने की भी है।
 

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