- देश में कोरोना टीकाकरण के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार
- अगले 10 दिनों में लोगों को टीका लगना शुरू हो सकता है
- केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बताया-लोगों तक कैसे पहुंचेगा टीका
नई दिल्ली : देश में कोरोना के दो टीकों के इस्तेमाल की आपात मंजूरी दिए जाने के बाद सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह अगले 10 दिनों में टीकाकरण अभियान की शुरुआत कर देगी। सूत्रों को कहना है कि देश में कोरोना का पहला टीका 13 जनवरी को लगाया जा सकता है। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि टीकों के इस्तेमाल की मंजूरी दिए जाने के 10 दिनों के भीतर सरकार टीकाकरण अभियान शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा, 'चूंकि मंजूरी दी जा चुकी है ऐसे में तीन जनवरी के बाद 10 दिनों के भीतर टीकाकरण अभियान की शुरुआत की जा सकती है।'
कोविशील्ड और कोवैक्सीन को मिली है मंजूरी
भारत के औषधि नियामक ने रविवार को एस्ट्राजेनेका के टीके कोविशील्ड और भारत बॉयोटेक के टीके कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल की इजाजत दी। पहले चरण के टीकाकरण अभियान में जोखिम वाले क्षेत्र में शामिल लोगों मसलन स्वास्थ्यकर्मियों, सुरक्षाकर्मियों एवं 50 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों को टीका लगाया जाएगा। सरकार का लक्ष्य पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को टीका लगाने का है।
लोगों तक ऐसे पहुंचेगा टीका
कोरोना के टीके लोगों तक कैसे पहुंचेंगे, स्वास्थ्य सचिव ने इसकी भी जानकारी संवाददाता सम्मेलन में दी। उन्होंने कहा कि टीका के निर्माण करने वाली कंपनियां हवाई मार्ग से अपने टीकों को मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और करनाल में सरकारी मेडिकल स्टोर डिपार्टमेंट डिपो पर पहुंचाएंगी। इसके बाद टीके राज्यों के 37 केंद्रों पर पहुंचाएं जाएंगे। फिर यहां से ये टीके जिले स्तर पर वैक्सीन स्टोर पर ले जाए जाएंगे। यहां से ये टीके प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं कोविड-19 प्रतिरक्षण केंद्रों को सौंपे जाएंगे।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि देश में अभी 29,000 कोल्ड चेन प्वाइंट्स हैं जहां पर मंजूरी प्राप्त कोविशील्ड एवं कोवैक्सीन टीकों को रखा जा सकता है।
कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई
मंगलवार को देश में कोरोना के मामलों में रिकॉर्ड कमी आई। पिछले छह महीने में पहली बार कोरोना के 16,375 केस सामने आए। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण के माममले में 1.03 करोड़ से ज्यादा हो गए। सोमवार को देश में कुल 201 लोगों की मौत हुई। विपक्ष और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोवाक्सीन टीके पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इस टीके का तीसरे चरण के ट्रायल का डाटा अभी उपलब्ध नहीं है फिर भी सरकार ने इसके इस्तेमाल की इजाजत दे दी है।