कोलकाता बेस्ड ईस्टर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता एलएसी पर फॉरवर्ड पोस्ट्स के दौरे पर हैं। लेफ्टिनेंट जनरल कलिता पहले तेजपुर पहुंचकर यहां के सभी टॉप कमांडर्स से मुलाकात कर रहे हैं, जिसके बाद वह 4 दिन तक फॉरवर्ड पोस्ट पर ऑपरेशनल प्रिपेरेडनेस का जायजा लेंगे।
तेजपुर में गजराज कोर के पास पूर्वोत्तर में चीन सीमा से सटे इलाकों की सुरक्षा का जिम्मा है जिनमें सुपर हाई एल्टीट्यूड और घने जंगलों वाले इलाके शामिल हैं। अरुणाचल प्रदेश का एक बड़ा हिस्सा भी इसी कोर में आता है जिसे लेकर चीन अरसे से अपने दावे ठोकता आया है। इस पूरे इलाके में पिछले कुछ समय से भारतीय सेना चीन को टक्कर देने के लिए स्ट्रैटेजिक सड़कों, पुलों और टनल का निर्माण कर रही है ताकि किसी भी परिस्थिति में युद्ध के लिए तैयारी पुख्ता बनी रहे।
भारतीय सैनिक ड्रैगन की चालबाजी से निपटने के लिए हर पल तैयार हैं
इस दिशा में 4 और 5 अगस्त को तेजपुर में उत्तरी सीमाओं पर बढ़ते खतरे से निपटने के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। इस सेमिनार में आर्मी कमांडर के साथ ही इस इलाके के टॉप सैन्य अधिकारी भी शामिल होंगे। जहां एक तरफ फॉरवर्ड लोकेशन पर भारतीय सैनिक ड्रैगन की चालबाजी से निपटने के लिए हर पल तैयार हैं वहीं दूसरी तरफ चीन के साथ दशकों से चले आ रहे सीमा विवाद और उसकी विस्तार वादी सोच का हल निकालने के लिए सेना के कमांडर विशेष रणनीति पर काम कर रहे हैं।
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इस रणनीति को तैयार करने के लिए सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा वरिष्ठ राजनयिक और शिक्षाविद एकजुट हुए हैं। पूर्व एंबेसडर अशोक कांथा, प्रोफेसर श्रीकांत कोंडापल्ली, श्री जयदेव रानाडे, डॉ अमृता जश, श्री क्लाउड अर्पी, लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह जैसे जानकार तेजपुर में होने वाले इस सेमिनार में शिरकत करेंगे।
ईस्टर्न कमांड में तैनात 200 अधिकारी भी इस प्लानिंग का हिस्सा बनेंगे
(सेवानिवृत्त), पूर्व सेना कमांडर उत्तरी कमान, लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला (सेवानिवृत्त) पूर्व सेना कमांडर सेना प्रशिक्षण कमान और लेफ्टिनेंट जनरल एसएल नरसिम्हन (सेवानिवृत्त) सदस्य, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड भी पूर्वोत्तर में चीन से निपटने के लिए बनाई जा रही इस खास स्ट्रैटेजी को बनाने में मदद करेंगे। ईस्टर्न कमांड में तैनात 200 अधिकारी भी इस प्लानिंग का हिस्सा बनेंगे।