- भारतीय नौसेना के लिए अगले 10 वर्ष के लिए रोडमैप तैयार
- मानवरहित प्रणालियों को शामिल करने पर खास जोर
- चीन की तरफ से मिलने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार
मानव रहित प्रणालियों के रोडमैप पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार हमारे पास स्वदेशी मानव रहित हवाई, पानी के भीतर और स्वायत्त प्रणालियों की योजना के साथ दस साल का रोड मैप है।28 महिला अधिकारी पहले से ही युद्धपोतों पर तैनात हैं जिनमें विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य जैसे प्रमुख प्लेटफॉर्म शामिल हैं।
चीन के मद्देनजर पूरी तैयारी
हम पिछले कुछ वर्षों में चीनी नौसेना के 110 युद्धपोतों के निर्माण के विकास से अवगत हैं। हमारी योजनाएं आईओआर में सभी गतिविधियों और तैनाती पर ध्यान देंगी। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारतीय नौसेना भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने के लिए आश्वस्त है।चीनी नौसेना 2008 से हिंद महासागर क्षेत्र में मौजूद है और उनके यहां सात से आठ युद्धपोत हैं। हमारे विमानों और जहाजों द्वारा निरंतर निगरानी की जाती है और उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाती है।
सीडीएस का गठन महत्वपूर्ण सुधार
सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) का निर्माण स्वतंत्रता के बाद से सीडीएस के पद के निर्माण के साथ-साथ सेना में सबसे बड़ा सुधार है। यह तेजी से निर्णय लेने और नौकरशाही की कम परतों को सक्षम बनाता है।COVID19 की चुनौतियों का सामना करने के लिए नौसेना के अस्पतालों में सुविधाओं को बढ़ाया गया है। परिचालन क्षमता प्रभावित न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए हमने अपने कर्मियों के लिए एसओपी में ढील नहीं दी है। हम ऐसा तब तक करते रहेंगे जब तक ओमाइक्रोन के खतरे से इंकार नहीं किया जाता है।