मंत्रियों के आदेश के बाद भी सालों लंबित पड़ी रही योजनाओं के दौर में अगर आदेश के चंद घंटों के भीतर अमल होने लगे तो अजूबा सा लगता हैं। पर ब्यूरोक्रेट से नेता बने रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ऐसा नहीं मानते। नॉर्ट ईस्ट के दौरे पर गए रेल मंत्री ने मणिपुर सीएम की पहल पर 2 घंटे के अंदर ही नई रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे की मंजूरी दे दी।
मणिपुर के मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से रिक्वेस्ट किया है कि इंडो-म्यांमार बॉडर के मेरोह तक इम्फाल तक बनने वाली नई रेल लाइन को एक्सटेंशन दिया जाए। रेल मंत्री ऑन द स्पॉट रेल मंत्रालय के अधिकारियों को आदेश दिया कि म्यांमार तक रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे का अप्रूवल दिया जाए। मीटिंग खत्म होने तक रेल मंत्रालय ने रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे की मंजूरी दे दी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अधिकारियों से यह कहा कि जो काम ऑन द स्पॉट हो सकता है। उस मामले में देरी ना किया जाए।
इंडो-म्यांमार रेल लिंक परियोजना के तहत इंफाल से मोरेह तक रेलखंड बनाया जाएगा। अभी भारतीय इलाके में इंफाल तक ही रेल लाइन का काम चल रहा हैं। जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इसे अपनी सीमा में मोरेह तक बढ़ाया जाएगा। मोरेह को म्यांमार के अंतिम रेल स्टेशन टामू से जोड़ा जाएगा।
इंडो-म्यांमार रेल लिंक से दोनों देश के बीच बेहतर रिश्ता कायम करने और निकटतम पड़ोसी देश से व्यापारिक,आर्थिक, सांस्कृतिक, सामाजिक रिश्ता मजबूत करने में मदद मिलेगी। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अधिकारियों की एक टीम ने इसके लिए आरंभिक सर्वे पूरा कर लिया है। सर्वे में दोनों देशों के बीच 111 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने की बात है। अभी फाइनल सर्वे होना है। फाइनल सर्वे दोनों देश के बीच अंतराष्ट्रीय स्तर की वार्ता होने के बाद होगा।
इसके अलावा बांग्लादेश के चिल्लामारी और भारत के हल्दीबाड़ी के बीच रेल लिंक काम कर रहा है। जहां जल्द यात्री सेवा भी शुरू जल्द ही होने वाली है। भारत और म्यांमार और बंगलादेश के बीच रेल लिंक बनने से दोनों देश के नागरिकों के बीच रिश्ता बेहतर होगा।
नॉर्ट ईस्ट सभी राज्यों के राजधानियों के प्रमुख शहरों को रेल नेटवर्क से जोड़ने का कार्य भी तेजी से चल रहा है। 2024 तक का टारगेट रखा गया है। इन राज्यों के साथ-साथ पड़ोसी देशों के साथ रेल लाईन का काम न केवल सामरिक दृष्टि से साथ ही इस पूरे रीजन में आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों में भी तेजी लाने का काम होगा।