- केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे पर फेंकी गई स्याही
- बिहार के पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल का कर रहे थे दौरा
- डेंगू मरीजों का हाल जानने पहुंचे थे मंत्री अश्विनी चौबे
नई दिल्ली। बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है और इस नारे के बाद पटना की सड़कों पर एक पोस्टर लगा जिसमें एक स्लोगन का अंश कुछ ऐसा था क्यूं करें विचार, ठीके तो है नीतीश कुमार। यह स्लोगन तब आया जब चमकी बुखार के चंगुल से मुजफ्फरपुर आजाद हो चुका था, हालांकि ठीके शब्द की व्याख्या विपक्षी दलों मे नीतीश कुमार की लाचारी के संदर्भ में की। अगर विपक्षी दल नकारात्मक अंदाज में उस स्लोगन की व्याख्या कर रहे थे तो शायद वो गलत नहीं थे। सितंबर का महीना बीत रहा था, इस महीने में बारिश आमतौर पर कम होने लगती है। लेकिन पटना की सड़कों पर बाढ़ का वो मंजर दिखा जिसमें आम हों या खास हर कोई इंद्र देवता से रहम की अपील कर रहा। बाढ़ का पानी गंगा में सरक गया। लेकिन अपने पीछे उस संकट को भी छोड़ गया जिसका सामना बिहार डेंगू के रूप में कर रहा है। उसी डेंगू के दंश का मुआयना करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल का दौरा करने के लिए पहुंचे थे।
मंत्री जी पूरे लाव लश्कर के साथ पीएमसीएच में दाखिल थे। वो वार्डों का मुआयना करने के साथ मरीजों का हाल चाल पूछ रहे थे। लेकिन एक शख्स ने उनके ऊपर स्याही फेंक दी। मंत्री जी के चेहरे स्याही की छींटे तो नहीं पड़ीं। लेकिन उनके चमकदार कुर्ते पर स्याही अपना काम कर गई थी। मंत्री जी के कपड़ों पर दाग लग चुका था। वो दाग बदहाली और बदइंतजामी का था। लेकिन मंत्री जी ने उसके विरोध में जो कुछ कहा उनके मुताबिक स्याही फेंकने से लोकतंत्र, आम जन और मीडिया पर हमला था।
बिहार इस समय डेंगू के प्रकोप का सामना कर रहा है। वैसे तो राज्य के करीब ज्यादातर जिलों में डेंगू पांव पसार चुका है। लेकिन राजधानी पटना ज्यादा प्रभावित है। अब तक डेंगू के करीब 1000 मामले सामने आए हैं जिसमें करीब 90 फीसद मरीज पटना के अलग अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। लोगों की शिकायत थी कि न तो राज्य सरकार और न ही केंद्र सरकार उनके लिए फिक्रमंद है। जब इस तरह की जानकारी मिली तो वो पीएमसीएच पहुंचे। लेकिन उन्हें शायद इस बात का अंदाजा नहीं था उनका स्वागत कुछ इस तरह होगा। मंत्री जी के ऊपर स्याही फेंकी जा चुकी थी। स्याही फेंकने का अपराध करने वाला शख्स मौके से फरार हो चुका था और मंत्री जी इसे लोकतंत्र पर हमला करार देने से नहीं चूके।