- भटिंडा में सोमवार को हुए किसान प्रदर्शन में सामने आई सेना की यूनिफॉर्म पहने युवक की तस्वीर
- युवक सेना की वर्दी से मिलता-जुलता यूनिफॉर्म पहना है, सुरक्षा एजेंसियां इसकी सत्यता जांचने में जुटीं
- तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं किसान
भटिंडा (पंजाब) : कृषि कानूनों के खिलाफ भंटिंडा के डिप्टी कमिश्नर के ऑफिस के बाहर सोमवार को हुए किसान के धरना स्थल पर सेना की वर्दी में नजर आए एक सिख युवक की तस्वीर को लेकर खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। खुफिया एवं सुरक्षा एजेंसियां अब इस बात की जांच करने में जुट गई हैं कि सेना की वर्दी में नजर आया युवक कहीं बहुरूपिया तो नहीं है। सुरक्षा एजेंसियां युवक की असली पहचान सुनिश्चित करने में जुटी हैं। प्रदर्शन स्थल पर सेना की वर्दी में युवक की तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हुई है।
सेना की वर्दी में नजर आया सिख युवक
इस तस्वीर में सिख युवक अपने हाथ में एक तख्ती लिए हुए है। इस प्लेकॉर्ड में लिखा है, 'मेरे पिता एक किसान हैं। यदि वह आतंकवादी हैं तो मैं भी आतंकवादी हूं।' तस्वीर में युवक युद्ध के समय वाले सेना के यूनिफॉर्म में है। उसने जैकेट पहन रखी है और चेहरे को कैमोफ्लाज वाले स्कॉर्फ से ढंका है। उसका पहनावा सेना के मानक यूनिफॉर्म से मेल खाता है। सिख युवक के जैकेट पर नाम का टैग भी लगा है। इस युवक की तस्वीर के अलावा सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हो रहा है।
एक वीडियो भी वायरल हुआ
इस वीडियो में एक-47 टाइप के हथियार पकड़े दो युवक नजर आए हैं। इन युवकों को किसान प्रदर्शन पर अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सुना जा सकता है। वीडियो में पंजाबी में बोलते हुए युवक कहते हैं कि वे भी किसानों के लड़के हैं और वे अपनी मां के खिलाफ कुछ भी बोला जाना बर्दाश्त नहीं करेंगे।
सेना के पूर्व अधिकारी ने जांच की मांग की
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक प्लेकॉर्ड लिए युवक की तस्वीर पर प्रतिक्रिया देते हुए रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एवं नॉर्दन-सेंट्रल कमान के पूर्व जीओसी इन चीफ एचएस पनाग ने अपने ट्वीट में कहा, 'यह ठीक नहीं। जांच करें और अनुशासनात्मक कार्रवाई करें।' उन्होंने एक और ट्वीट में कहा, 'सेना के कायदे और कानून स्पष्ट हैं। इससे कोई समझौता नहीं।'
जवानों के लिए स्पष्ट हैं कायदे-कानून
सेना के एक अधिकारी ने नाम उजागर न करने शर्त पर कहा, 'हम इसकी जांच कर रहे हैं कि सेना की यूनिफॉर्म पहने जिस सिख युवक की तस्वीर ली गई है, वह वास्तव में सैनिक है या नहीं। आंदोलनों में पूर्व सैनिकों के हिस्सा लेने पर हम कुछ नहीं कर सकते। लेकिन यदि सेवारत कोई जवान इस तरह के धरना प्रदर्शन में हिस्सा लेता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। उसे सख्त सजा मिलेगी।' नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा के किसान दिल्ली बॉर्डर पर पिछले कुछ सप्ताह से आंदोलनरत हैं। वे इन तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
बातचीत में अभी नहीं निकला हल
सरकार के साथ पांच दौर की वार्ता होने के बाद इस समस्या का हल नहीं निकल सका है। भाजपा के कुछ नेताओं ने आंदोलनकारी किसानों को 'आतंकवादी' कहा है। इस पर किसान संगठनों के नेता नाराज बताए जा रहे हैं। पंजाब एवं हरियाणा के किसानों के लड़के सीमाओं की सुरक्षा में तैनात है। ऐसे में लोगों का मानना है कि इस तरह के बयानों से सेना के जवानों में गलत संदेश जा रहा है।