Agneepath scheme : एक बार फिर राजनीति के नाम पर देश की छवि बिगाड़ने की बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है। इस बार ये कोशिश अग्निपथ योजना के विरोध के नाम पर की गई है। खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 14 जून को लागू की गई अग्निपथ योजना के खिलाफ सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि गल्फ देशों में भी योजनाबद्ध डिजिटल अभियान चलाया गया।
दो दिन में बनाये गये दो हजार अकाउंट
सेना में अब तक के सबसे बड़े बदलाव की इस योजना को गलत साबित करने के लिए दो दिन में दो हजार से ज्यादा सोशल मीडिया अकाउंट बनाये गये जिनमें से 939 अकाउंट अवैध आई डी के जरिए बनाये गये। इनपुट के मुताबिक अग्निपथ योजना के लांच होते ही भारत विरोधी टूलकिट चलाने वाले साजिशकर्ता अलग-अलग हैशटैग के साथ ट्विटर, वाट्सएप और फेसबुक जैसे ही तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सक्रिय हो गए।
सोशल मीडिया पर प्लान किए गए हिंसक प्रदर्शन
सोशल मीडिया पर ना सिर्फ अग्निपथ योजना को तमाम खामियों से भरा दिखाया गया और कई प्रोटेस्ट भी प्लान किए गए। भारत के अलग-अलग हिस्सों और राजनीतिक दलों के अलावा कई संगठनों में भी अग्निपथ को लेकर एंटी इंडिया कैंपेन चला गया।
29 पेज की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
इंटेलिजेंस एजेंसीज की 29 पेज की एनालिटिक्स रिपोर्ट में साफ हुआ है कि भारत की सेना में एक रिफॉर्म को लेकर कैसे सऊदी अरब और यूएई में भी एंटी इंडिया मुहिम चलाई गई। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को हिटलर के हैशटैग के साथ जोड़कर ट्रेंड कराया गया।
सेना ने चलाया काउन्टर कैंपेन
इस अभियान के दौरान देश भर में हिंसक प्रदर्शन हुए और कई ट्रेनें जला दी गई। सेना ने इस अभियान को काउंटर करने के लिए दर्जनों प्रेस कॉन्फ्रेंस करके लोगों को भरोसा दिलाया कि अग्निपथ योजना देश और युवाओं के हित में है। सेना के तीनों प्रमुखों ने प्रेस से सीधे वार्ता कर सभी भारत विरोधी अभियानों को नाकाम किया। सेना ने ये भी ऐलान किया कि जो भी हिंसक प्रदर्शन में शामिल पाया गया उसे अग्निपथ योजना में मौका नहीं दिया जाएगा। अग्निपथ से जुड़े हर दुष्प्रचार का जवाब देने के लिए सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने देश भर में अब तक का सबसे बड़ा आउट-रीच प्रोग्राम चलाया।
अग्निपथ के लिए आ रहे हैं रिकार्ड आवेदन
सोशल मीडिया टूलकिट के खुलासे के बीच सेना, वायुसेना और नौसेना में अग्निपथ स्कीम के लिए रेकॉर्ड आवेदन पत्र आ रहे हैं। पहले तीन दिनों में भारतीय वायुसेना के लिए लगभग साठ हज़ार युवाओं ने आवेदन किए हैं। यानि देश के युवाओं को गुमराह करने की एक और साजिश नाकाम साबित हो रही है।