- देश में कोरोना संक्रमण की बढ़ती संख्या के बाद अलर्ट मोड पर आ गई हैं सरकारें
- दिल्ली में होम आइसोलेशन वाले मरीजों की संख्या में छह गुना वृद्धि हुई है
- हरियाणा में 18 से 59 साल के लोगों को फ्री में बूस्टर डोज लगाया जाएगा
Fourth wave of Covid-19 : देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी आने लगी है। राजधानी दिल्ली, कर्नाटक सहित कई राज्यों में संक्रमण के नए मामलों ने सरकारों के माथे पर चिंता की नई लकीर खींच दी है। संक्रमण की संख्या में आई कमी के बाद कई राज्यों ने अपने यहां कोविड प्रतिबंधों को ढीला किया था लेकिन अब वे प्रतिबंधों को सख्त करने लगे हैं और सार्वजनिक जगहों पर कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने के निर्देश जारी किए जाने लगे हैं। आईआईटी मद्रास में कोरोना के नए मामलों एवं दिल्ली में संक्रमण के मामलों में आई तेजी ने कोरोना की चौथी लहर पर बहस को तेज कर दिया है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या देश में कोरोना की अब चौथी लहर आएगी।
देश में एक दिन में मिले 2,541 नए केस
भारत में एक दिन में कोविड-19 के 2,541 नए मामले सामने आने से देश में कोरोना वायरस से अब तक संक्रमित हो चुके लोगों की संख्या बढ़कर 4,30,60,086 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी बढ़कर 16,522 पर पहुंच गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में संक्रमण से 30 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 5,22,223 हो गई है। वहीं, देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 16,522 पर पहुंच गई है, जो कुल मामलों का 0.04 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 649 की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं, मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.75 प्रतिशत है।
आईआईटी-एम में संकमण की संख्या बढ़कर 60 हुई
चेन्नई स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (आईआईटी-एम) में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या रविवार को बढ़कर 60 हो गई। इससे एक दिन पहले संस्थान में संक्रमितों की संख्या 55 थी। संक्रमण के बड़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जिला अधिकारियों से ‘सतर्क’रहने और कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के प्रयासों में ढिलाई न बरतने के निर्देश दिए हैं।
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दिल्ली में दो सप्ताह में छह गुना बढ़े केस
दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण के नए मामले जिस तरह से बढ़े हैं उसने राज्य सरकार को हरकत में ला दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक होम आइसोलेशन में मरीजों की संख्या करीब दो सप्ताह में छह गुना बढ़ गई है। गत 11 अप्रैल को होम आइसोलेशन में मरीजों की संख्या 447 थी जो 24 अप्रैल को बढ़कर 2,812 हो गई। यही नहीं, अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
हरियाणा में 18 से 59 साल के लोगों को फ्री में बूस्टर डोज
हरियाणा सरकार ने अपने यहां 18 साल से 59 साल के लोगों को कोरोना का बूस्टर डोज मुफ्त में लगाने का फैसला किया है। हरियाणा डीपीआर का कहना है कि इससे राज्य सरकार पर 300 करोड़ रुपए का भार आएगा।
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इस दौरान भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 17 से बढ़कर 80 हुई है। हालांकि, दिल्ली सरकार ने लोगों को भरोसा देते हुए कहा है कि संक्रमण के मामलों में वृद्धि होने के बावजूद अस्पताल में भर्ती होने की दर कम है। दिल्ली में 13 अप्रैल को होम आइसोलेशन में मरीजों की संख्या 504 थी। यह संख्या 14 अप्रैल को 574 और 16 अप्रैल को 685 पर पहुंच गई। 16 अप्रैल को संक्रमण की संख्या 700 के आंकड़े को पार कर गई और 17 अप्रैल को यह संख्या 964 कर पहुंच गई।
चंडीगढ़ में मास्क पहनना अनिवार्य
कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी को देखते हुए चंडीगढ़ जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। यहां शहर में सार्वजनिक जगहों, परिवहन के साधनों, शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी एवं निजी दफ्तरों एवं सभी तरह कार्यक्रमों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। कोविड नियमों का उल्लंघन करने पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
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झारखंड में स्कूलों के लिए नई गाइडलाइन
तो वहीं झारखंड के स्कूलों में नई गाइडलाइन जारी की गई है। सभी जिलाधिकारियों को जारी निर्देश में स्कूलों में कोरोना का टेस्ट कराने के लिए कहा गया है। निर्देश के मुताबिक जांच में यदि कोई छात्र पॉजिटिव मिलता है तो स्कूल में कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है। झारखंड के शिक्षा सचिव की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि स्कूलों में सांस्कृतिक एवं अन्य कार्यक्रमों के आयोजन पर मनाही होगी।
चौथी लहर के बारे में क्या कहते हैं विशेषज्ञ
कोरोना की चौथी लहर के बारे में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के ग्रीन टेंप्लेटन कॉलेज में रिसर्च फेलो डॉक्टर शाहिद जमील का कहना है कि इस बात की संभावना बहुत कम है कि हम कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट की तुलना में कोई 'नई लहर' देखेंगे। जमील का कहना है कि अभी जो वायरस लोगों को संक्रमित कर रहा है वह मूल रूप से ओमिक्रान से बहुत ज्यादा अलग नहीं है। देश और दुनिया में ओमिक्रान से बहुत बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना का XE वैरिएंट भी ओमिक्रान से ज्यादा गंभीर नहीं है।