केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सीएपीटी भोपाल में 48वें अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस में फिक्की टेक एक्सपो का उद्घाटन किया। अमित शाह ने शुक्रवार को देश भर में पुलिसिंग सिस्टम में सुधार का आह्वान किया और खबरी (मुखबिर) प्रणाली के पुनरुद्धार के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि पुलिस अपराधियों से आगे हो, उन्हें तकनीक की समझ हो। जब तक टैक्नोलॉजी का ज्ञान एक कांस्टेबल स्तर तक नहीं पहुंच जाता, तब तक हम आधुनिक अपराधियों से निपटने में सक्षम नहीं होंगे। 48वें अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए ये बात कही। विभिन्न राज्यों के पुलिस बलों के बीच सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए शाह ने कहा कि एक व्यापक नीति की जरूरत है।
अमित शाह ने ट्वीट किया है भोपाल में '48वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस' का उद्घाटन किया। यह पुलिसिंग क्षेत्र के सामयिक विषयों पर नवीन विचारों व विश्व की सर्वश्रेष्ठ प्रणाली को अपनाने का एक अहम मंच है। मोदी सरकार पुलिसबल को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार कर उन्हें और मजबूत बनाने हेतु कटिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि पुलिस अपराधी से दो कदम आगे रहे इसके लिए पुलिस को भी आधुनिक और टेक-सेवी बनना होगा। प्रोसेस और परफेक्शन सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं मगर सफलता सिर्फ और सिर्फ पैशन से ही आ सकती है और पुलिस बल में नीचे कांस्टेबल तक इस जज्बे का निर्माण करना चाहिए। डेटा नया विज्ञान है और बिग डेटा में सभी समस्याओं का समाधान है। और इस वाक्य को देशभर के पुलिस बल को आत्मसात करना चाहिए। चाहे कश्मीर की समस्या हो, वामपंथी उग्रवाद या नार्थ ईस्ट में ड्रग्स व हथियारी ग्रुपों की समस्या हो। नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमें सभी के समाधान की दिशा में बड़ी सफलता मिली है। आज मोदी सरकार में आतंकवाद पर हमारी सुरक्षा एजेंसियों का कमांडिंग वर्चस्व दिखाई देता है।
पुलिस विज्ञान के दो महत्त्वपूर्ण पहलू है :-
1.साइंस फॉर पुलिस
2.साइंस ऑफ पुलिस
इन दोनों पर विचार करने से ही हम देश के सामने वर्तमान और भविष्य में आने वाली सभी चुनौतियों का सामना कर पाएंगे।