- जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण के खिलाफ हुई थी कार्रवाई
- सुप्रीम कोर्ट नें 21 अप्रैल तक रोक लगाई
- सियासी दलों ने खास समाज के लोगों को निशाना बनाने का आरोप लगाया
उत्तरी दिल्ली नगर निगम की तरफ से बुधवार को जहांगीरपुरी में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कार्रवाई रोकनी पड़ी। सवाल यह है कि अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई आज फिर शुरू होगी या अदालत की तरफ से बुलडोजर पर ब्रेक लगेगा। इस मसले में पर अदालत सुनवाई करने वाली है। बुधवार को जब उत्तरी दिल्ली नगर निगम की तरफ से कार्रवाई हुई तो कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली और कहा कि कार्रवाई अवैधानिक है, बिना किसी नोटिस नगर निगम के दस्ते ने तोड़फोड़ की हालांकि उत्तरी दिल्ली नगर निगम का कहना है कि नोटिस या बिना नोटिस के सुसंगत धाराओं के तहत उसे कार्रवाई करने का अधिकार है।
कई राजनीतिक दलों ने जताया ऐतराज
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) सांसद असदुद्दीन ओवैसी जहांगीरपुरी पहुंचे। ओवैसी वहां गए, जहां बुलडोजर की कार्रवाई हुई थी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने ही अनुमति नहीं दी तो यात्रा कैसे हुई? लोगों के पास हथियार कैसे थे? अगर उन्होंने (पुलिस) उन्हें रोक दिया होता और हथियार जब्त कर लिए होते, तो हमें यह दिन देखने की जरूरत नहीं होती।
बीजेपी और आप पर सीधा हमला
बीजेपी और आम आदमी पार्टी (AAP) दोनों पर तीखा हमला बोला। ओवैसी ने दो ट्वीट किए और लिखा कि तुर्कमान गेट 2022, इतिहास बताता है कि जो लोग 1976 में सत्ता में थे वो अब नहीं हैं। बीजेपी और AAP याद रखें कि शक्ति शास्वत नहीं है। बीजेपी ने गरीबों के खिलाफ जंग का ऐलान किया है। अतिक्रमण के नाम पर यूपी, एमपी जैसे दिल्ली के घरों को तबाह किया जाएगा, ये बस गरीब मुसलमानों को जिंदा रहने की सजा देने जैसा है, केजरीवाल जी को भी अपनी संदिग्ध भूमिका को स्पष्ट करना चाहिए।
Jahangirpuri Violence:ऐसे लगा बुलडोजर पर ब्रेक, जाने सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ