नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के एक छात्र पर फायरिंग करने वाले युवक ने देसी कट्टा 10,000 रुपए में खरीदा था। दिलचस्प बात यह है कि युवक के घरवालों ने ये पैसे उसे अपने रिश्तेदार के घर शादी में इस्तेमाल होने वाले कपड़े खरीदने के लिए दिए थे लेकिन युवक ने इस पैसे का इस्तेमाल हथियार खरीदने में किया। युवक ने यह देसी कट्टा अपने ही गांव के एक व्यक्ति से खरीदा था। पुलिस की पूछताछ में यह बात सामने आई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नाबालिग युवक को शुक्रवार को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश किया गया जहां से उसे 14 दिन की प्रोटेक्टिव कस्टडी में भेज दिया गया। पूछताछ में यह भी पता चला है कि सोशल मीडिया पर लगातार फैल रहे नफरत भरे संदेशों के आवेश में आकर इस नाबालिग युवक ने इस तरह का रास्ता अपना लिया। पुलिस का कहना है कि युवक घटना वाले दिन दूसरी बार दिल्ली आया था। अधिकारी ने कहा, 'युवक ने बताया कि वह रोडवेज की बस में सवार होकर दिल्ली आया और यह बस उसे कालिंदी कुंज छोड़ी। वह जब सात साल का था तो पहली बार दिल्ली आया था।'
यही नहीं पुलिस ने युवक के पास से एक लाल रंग का बैग भी बरामद किया है। घटना से पहले वायरल वीडियो में युवक के साथ यह बैग देखा गया। घटना के बाद यह बैग सड़क के किनारे लावारिस हालत में लोगों को मिला। पुलिस के सूत्रों का कहना है कि युवक ने इस बैग में घटना में इस्तेमाल हथियार को छिपाया था। बैग में एक किताब, एक लड़की की पासपोर्ट साइज की फोटो भी मिली है। इसके अलावा बैग से गौतम बुद्ध नगर स्थित जेवर पब्लिक स्कूल के यूनिफॉर्म में इस्तेमाल होने वाली टाई भी पुलिस को मिली है।
जामिया के पास हुई इस घटना के बाद सियासत का दौर भी शुरू हो गया। आम आदमी पार्टी ने इस घटना के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जिम्मेदार ठहराया। आप नेता संजय सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेता उकसाऊ बयान दे रहे हैं जिसकी वजह से इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उन्होंने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से बात की है और दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।