नई दिल्ली: अहमदाबाद में हुए सीरियल बम ब्लास्ट (Ahmedabad serial bomb blasts) के मामले में स्पेशल कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ( Maulana Arshad Madani) ने अविश्वसनीय बताते हुए कहा है कि अब जमीयत इस मामले को आगे लेकर जाएगी और इस केस में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि नामी वकील हाईकोर्ट में इस केस की पैरवी करेंगे हमें पूरा यकीन है कि हाईकोर्ट से इसमें न्याय मिलेगा उन्होंने अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Temple Case) पर हमले का उदाहरण देते हुए कहा कि निचली अदालत ने तीन लोगों को फांसी और चार लोगों को उम्र कैद की सजा दी गई थी मगर सुप्रीम कोर्ट सभी लोगों को बाइज्जत बरी किया था।
उनका कहना है कि बम धमाकों जैसे ज्यादातर गंभीर मामलों में निचली अदालत कठोर फैसले देती है, लेकिन आरोपी को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से अक्सर राहत मिलती है , मदनी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इस मामले में जमीयत सुप्रीम कोर्ट तक जाएगी।
अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट के 49 दोषियों को सजा
गौर हो कि गुजरात के अहमदाबाद में 2008 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के 49 दोषियों को विशेष अदालत ने सजा सुनाई है, जिनमें से 38 को मृत्युदंड दिया गया है, जबकि 11 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इस मामले में एक बड़ा खुलासा यह भी सामने आया है कि साजिशकर्ताओं के निशाने पर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री व इस समय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी थे। उन्होंने उनकी हत्या की साजिश भी की थी।
गुजरात के तत्कालीन CM नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश भी रची थी
इस मामले में अदालत द्वारा दोषियों को सजा सुनाए जाने के बाद सरकारी वकील सुधीर ब्रह्मभट्ट ने मीडिया से बातचीत में कहा, षड्यंत्रकारियों ने अशांति पैदा करने के अलावा गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश भी रची थी। 2010 में गुजरात पुलिस की ओर से जो इस मामले में जो आरोप-पत्र दाखिल किया गया था, उससे यह खुलासा हुआ कि दोषियों ने गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश भी रची थी, जो अब देश के प्रधानमंत्री हैं।