- देवबंद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद का ज्ञानवापी प्लान
- काशी-मथुरा पर देवबंद से मुसलमानों का ऐलान
- जमीयत उलेमा-ए-हिंद का इस्लामोफोबिया पर ऐलान, मस्जिद पर नया प्लान
इस बीच आज देवबंद में मुसलमानों के जलसे के दूसरे दिन मस्जिदों को लेकर बड़ा ऐलान हो सकता है। जमीयत उलेमा ए हिंद आज ज्ञानवापी और ईदगाह मस्जिद समेत देशभर में उठे मंदिर मस्जिद विवाद के मुद्दे पर प्रस्ताव पास करेगी। जमीयत के अध्य़क्ष मौलाना महमूद मदनी ने ऐलान किया था कि देश को अखंड भारत के नाम पर मुसलमानों के लिए नर्क बना दिया है। ऐसे में नफरत के माहौल में जमीयत जो फैसला लेगी उससे पीछे नहीं हटेंगे यानि काशी में शिवलिंग का सच सामने आने और देश में बाकी मस्जिदों के सर्वे की मांग उठने के बीच जमीयत के फैसले पर सभी की नजरें हैं। साथ की यूनिफॉर्म सिविल कोड पर भी जमीयत के जलसे में फैसला हो सकता है।
ज्ञानवापी पर होगा फैसला?
आज जमीयत के 5000 मुस्लिम धर्मगुरु की इस सभा में ये तय होगा कि मुस्लिम संगठन ज्ञानवापी पर क्या फैसला लेंगे। मस्जिदों पर पनपे विवाद पर क्या रुख होगा। इसके अलावा कॉमन सिविल कोड और इस्लामी तालीम पर चर्चा होगी। आज आने वाले फैसले से पहले कल हुए सम्मेलन में मौलाना महमूद मदनी धमकी देते नजर आए। मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि हिंदू और मुस्लिमों के बीच गहरी खाई पैदा करने की पूरी कोशिश की जा रही है। मदनी ने मुगल शासकों पर उठ रही उंगली को लेकर भी ऐतराज जताया बोले कि मुस्लिम शासकों और इस्लामी सभ्यता के खिलाफ भद्दे आरोप लगाए जा रहे हैं।
हकुमूत के खिलाफ जंग का ऐलान
खुलेआम भरी सभाओं में मुसलमानों के खिलाफ शत्रुता का प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में मुस्लिम विरोध को उकसाया जा रहा है। सत्ता ऐसे लोगों के हाथों में जो भाई चारे की पहचान को खत्म करना चाहते हैं। इस सम्मेलन में जमीयत उलेमा के दूसरे गुट के प्रमुख और मौलाना महमूद मदनी के चाचा मौलान अरशद मदनी शामिल हुए। हुकूमत के खिलाफ जंग का ऐलान किया।
महमूद मदनी की आंखों में आंसू भी आए तो नफरत के बोल भी जुबां पर थे। प्यार, भाईचारे की जुबां में हिंदुओं और सरकार को खलनायक तक बता दिया। ऐसे में समझना मुश्किल नहीं है कि मुसलमानों में भय और भ्रम कौन फैला रहा है। इस्लामोफोबिया के नाम पर दहशतगर्दी की चाल कौन चल रहा है?
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