- कश्मीर को मिल गया अपना पहला मल्टीप्लेक्स
- 3 दशक बाद बड़ी स्क्रीन पर देख सकेंगे फिल्म
- सिनेमा शक्तिशाली रचनात्मक माध्यम- एलजी
जम्मू और कश्मीर में 32 साल बाद सिनेमा हॉल्स की वापसी हुई है। पुलवामा और शोपियां के बाद श्रीनगर में हॉल चालू हुआ। मंगलवार (20 सितंबर, 2022) को उपराज्यपाल (एलजी) मनोज सिन्हा ने इसका उद्घाटन किया। यह कश्मीर का पहला मल्टीप्लेक्स है। खास बात यह है कि इसके खुलने के बाद कश्मीरी लोगों को करीब तीन दशक के बाद बड़ी स्क्रीन पर फिल्म देखने का मौका मिलेगा।
एलजी ने इससे पहले रविवार को पुलवामा और शोपियां जिलों में बहुउद्देशीय सिनेमा हॉल्स का उद्घाटन किया था। उन्होंने कहा था, "केंद्र शासित प्रदेश के लिए यह एक ऐतिहासिक दिन है। पुलवामा और शोपियां में बहुउद्देश्यीय सिनेमा हॉल फिल्म स्क्रीनिंग, सूचना और युवाओं के कौशल से लेकर सुविधाएं प्रदान करेंगे।"
उन्होंने पुलवामा-शोपियां के ये हॉल कश्मीर की युवा पीढ़ी को समर्पित किए, जिन्होंने इस पल का लंबे समय से इंतजार किया है। एलजी ने मिशन यूथ के तहत केंद्र शासित प्रदेश के हर जिले में इसी तरह के बहुउद्देशीय सिनेमा हॉल स्थापित करने के सरकार के दृष्टिकोण को साझा किया था।
सिन्हा ने आगे बताया, "सिनेमा एक शक्तिशाली रचनात्मक माध्यम है। यह लोगों की संस्कृति, मूल्यों और आकांक्षाओं को दर्शाता है। यह ज्ञान की दुनिया, नई खोजों के द्वार खोलता है, लोगों को एक-दूसरे की संस्कृति की बेहतर समझ प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।"
सिन्हा ने कहा कि नई फिल्म नीति और बनाई गई सुविधाओं ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर को पसंदीदा शूटिंग गंतव्य बना दिया है और केंद्रशासित प्रदेश में फिल्म निर्माण के सुनहरे युग को वापस ला दिया है।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर का सिनेमा की दुनिया से पुराना नाता है। सरकार के मिशन युवा विभाग की ओर से जिला प्रशासन के सहयोग से जिला मुख्यालयों पर सिनेमाघरों की स्थापना का काम शुरू किया गया था। आने वाले समय में अनंतनाग, बांदीपोरा, गांदरबल, डोडा, राजौरी, पुंछ, किश्तवाड़ और रियासी में भी ऐसे सिनेमा हॉल चालू होंगे।
हालांकि, एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सिनेमा हॉल्स के बहाने सिन्हा से वहां की एक मस्जिद को लेकर सवाल दागा। उन्होंने पूछा- सर, आपने शोपियां-पुलवामा में सिनेमा हॉल तो खोले, पर श्रीनगर की जामा हर शुक्रवार (जुमे) को क्यों बंद रहती है। कम से कम इसे दोपहर के मैटिनी शो के दौरान तो न बंद रखा जाए।