- जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल जी सी मुर्मू ने इस्तीफा दिया
- सूत्रों के अनुसार, केंद्र में नई नियुक्ति की संभावना
- पिछले साल अक्टूबर में बनाए गए थे जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल
नई दिल्ली: सूत्रों से जानकारी सामने आ रही है कि जम्मू और कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर जीसी मुर्मू ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। सूत्रों के अनुसार, वह भारत के अगले नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) हो सकते हैं। दरसअल, इस सप्ताह राजीव महर्षि सेवानिवृत्त हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि मुर्मू ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपना इस्तीफा भेज दिया है, हालांकि इस बात की कोई पुष्टि नहीं है कि यह राष्ट्रपति द्वारा प्राप्त किया गया है या नहीं और इसे स्वीकार किया गया है या अस्वीकार कर दिया गया है।
गिरीश चंद्र मुर्मू ने 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल के रूप में कार्यभार संभाला था। जम्मू-कश्मीर की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने मुर्मू को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। ये खबर ऐसे समय में आई है जब 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटे हुए एक साल पूरे हो गए हैं। अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग किया गया। गुजरात कैडर के 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी मुर्मू नरेंद्र मोदी के तब प्रमुख सचिव थे, जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
जानें कौन है मुर्मू
मुर्मू ने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक की जगह ली थी। इनकी पहचान एक तेज तर्रार अधिकारी की है। ये मूल रूप से ओडिशा में मयूरभंज से ताल्लुक रखते हैं। मुर्मू ने उत्कल विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए किया है और ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय से सार्वजनिक सेवा (Public Service) में एमबीए भी किया है। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के विश्वासपात्र माने जाने वाले मुर्मू के बारे में कहा जाता है कि उनकी मोदी के साथ एक शानदार कैमिस्ट्री रही है और दोनों ही एक दूसरे की कार्यशैली को पंसद करते हैं। 2014 में जब प्रधानमंत्री के रूप मोदी ने कार्यभार संभाला तो मुर्मू भी दिल्ली आ गए। 2015 में मुर्मू को प्रवर्तन निदेशालय का निदेशक नियुक्त किया गया। बाद में उन्हें वित्त मंत्रालय का व्यय सचिव बनाया गया है।