- जम्मू कश्मीर में धूमधाम से मनाया गया स्वतंत्रता दिवस
- उपराज्यपाल बोले- द्म युद्ध के जरिए युवाओं को गुमराह करने वालों को करारा जवाब दिया जाएगा।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कहा कि कश्मीर में अब शांति और भाईचारे का स्थान है। उन्होंने कहा कि उन्हें सुरक्षा बलों के बलिदान पर गर्व है। आतंकवाद को शांति और विकास के लिए अभिशाप बताते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारतीय युवाओं को भड़काने का दुर्भावनापूर्ण प्रयास कर रहा है, लेकिन छद्म युद्ध के जरिए युवाओं को गुमराह करने वालों को करारा जवाब दिया जाएगा।
लोकतंत्र हुआ मजबूत
शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 'जंगल राज' '2020 की पूर्व संध्या' पर समाप्त हो गया और हिंसा मुक्त जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनावों के आयोजन से केंद्र शासित प्रदेश में जमीनी स्तर के लोकतंत्र को मजबूत किया है। स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में उन्होंने कहा, 'आम नागरिकों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करते हुए जमीनी स्तर पर लोकतंत्र मजबूत हुआ है। कश्मीरियत की भावना के साथ, यानी सभी धर्मों और पंथों को विकास के अभियान पर लेकर, हम नए मुकाम को हासिल कर रहे हैं।'
नए युग की शुरूआत
उन्होंने कहा कि जम्हूरियत के वाजपेयी सिद्धांत को जम्मू-कश्मीर में दशकों तक विकसित नहीं होने दिया गया और यहां लोकतंत्र की एक प्रसिद्ध 'कलेक्ट्रेट परंपरा' थी। उन्होंने कहा, 'उनके घर पर चार-पांच क्षेत्रों के विधायकों के नामांकन हुए थे। एक तरफ जनता के चुने हुए प्रतिनिधि और दूसरी तरफ कलेक्टर साहब के प्रतिनिधि थे।' सिन्हा ने कहा कि 2019 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में एक नए युग की शुरुआत की।
हम सभी नागरिकों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि जो कोई भी छद्म युद्ध के माध्यम से युवाओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। पड़ोसी देश, जो अपने लोगों की परवाह नहीं करता है, कुछ लोगों, खासकर युवाओं को भड़काने का दुर्भावनापूर्ण प्रयास कर रहा है।