- श्रीनगर के लाल चौक पर कश्मीरी बीजेपी कार्यकर्ताओं ने फहराया तिरंगा
- पुलिस ने तिरंगा फहराने वाले सभी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया
- बीजेपी कार्यकर्ता बोले- यह गुपकार एलायंस को है एक संदेश
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा दिए गए 'तिरंगा नहीं उठाएंगे...' वाले बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में बवाल मचा हुआ है। इस बीच बीजेपी कार्यकर्ता सोमवार सुबह तिरंगा लेकर श्रीगनर के प्रसिद्ध लाल चौक पहुंच गए हैं और 'भारत माता की जय' नारे के जयकारे के साथ तिरंगा फहराने की कोशिश की। इस बीच वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने सभी को तुरंत हिरासत में ले लिया। इससे पहले रविवार को भी बीजेपी के छात्र संगठन एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने जम्मू में पीडीपी के कार्यालय के बाहर नारेबाजी कर तिरंगा फहराया था। इसके बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जम्मू स्थिति महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के दफ्तर पर तिरंगा फहराया।
कश्मीर का हर नौजवान फहरागा तिरंगा
मीडिया से बात करते हुए तिरंगा फहराने वाले एक कश्मीरी नौजवान ने कहा, 'आज हमारा यहां पर आने का जो मकसद था वो 29 अक्टूबर 1947 को महाराजा हरि सिंह ने जो संधि पर हस्ताक्षर किए थे, उस सिलसिले में हम यहां आए हुए हैं। हम उस दिन को एक जश्न के तौर पर मनाने के लिए यहां पर खड़े हुए हैं। मैं यहां से महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला सहित जो भी गुपकार एलांयस से सहयोगी हैं, उन्हें ये मैसेज देना चाहता हूं। उन्होंने जो कहा कि हम तिरंगे को तब तक नहीं उठाएंगे जब तक हमारा विशेष राज्य का दर्जा बहाल नहीं होता है। हम उनको ये मैसेज देना चाहते हैं कि कश्मीर का नौजवान हर घर से निकलेगा और गली से निकलेगा। हमेशा हिंदुस्तान के साथ खड़ा रहेगा और तिरंगा फहराएगा।'
महबूबा ने कही थी ये बात
इससे पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा था कि जब तक जम्मू-कश्मीर को लेकर पिछले साल पांच अगस्त को संविधान में किए गए बदलावों को वापस नहीं ले लिया जाता, तब तक उन्हें चुनाव लड़ने अथवा तिरंगा थामने में कोई दिलचस्पी नहीं है। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को पिछले वर्ष अगस्त में समाप्त किए जाने के बाद से महबूबा हिरासत में थीं।
गुपकार एलायंस
जम्मू कश्मीर की मुख्यधारा की पार्टियों ने पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा बहाल कराने और इस मुद्दे पर सभी पक्षकारों से बातचीत के लिए 15 अक्टूबर को गुपकर एलायंस का गठन किया है। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) का अध्यक्ष एवं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को उपाध्यक्ष चुना गया है।