टोक्यो : जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा शनिवार को भारत के दो दिवसीय दोरे पर पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उन्होंने 14वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बातचीत भी तय है। यह किशिदा की जापान के पीएम के तौर पर पर पहली भारत यात्रा है। जापान के पीएम की भारत यात्रा को दोनों देशों को आपसी संबंधों को और मजबूत बनाने के एक अवसर के तौर पर देखा जा रहा है।
जापान के प्रधानमंत्री शनिवार को दिल्ली पहुंचे, जहां एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उनकी अगवानी की। किशिदा के दौरे को भारत-जापान के संबंधों के लिहाज से बेहद अहम समझा जा रहा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक जापान के प्रधानमंत्री इस दौरान भारत में 5,000 अरब येन (42 अरब अमेरिकी डॉलर) के निवेश की घोषणा कर सकते हैं, जो अगले पांच वर्षों में किया जाएगा। इस दौरान जापान के पीएम लगभग 300 अरब येन के ऋण पर भी सहमति जता सकते हैं।
भारत को मिल सकता है बड़ा निवेश
जापानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 5,000 अरब येन का निवेश, किशिदा के पूर्ववर्ती शिंजो आबे द्वारा 2014 में घोषित 3,500 अरब येन के निवेश और वित्त पोषण के अतिरिक्त होगा। किशिदा के भारत दौरे के दौरान दोनों पक्षों के बीच कार्बन कटौती से संबंधित ऊर्जा सहयोग दस्तावेज पर भी हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। जापान के प्रधानमंत्री एक आर्थिक सम्मेलन के दौरान सार्वजनिक-निजी वित्त पोषण की घोषणा भी कर सकते हैं।
जापान के प्रधानमंत्री इस दौरान भारत में जापानी कंपनियों द्वारा प्रत्यक्ष निवेश बढ़ाने और क्षमता विस्तार की घोषणा भी कर सकते हैं। उनका यह भारत दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर हो रहा है, जिस दौरान दोनों पक्षों को द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों की समीक्षा करने तथा इसे और विस्तार देने पर विचार-विमर्श का मौका मिलेगा। जापान इस समय भारत के शहरी बुनियादी ढांचे के विकास के साथ ही जापान की शिनकानसेन बुलेट ट्रेन प्रौद्योगिकी पर आधारित एक उच्च गति रेलवे परियोजना के लिए भी मदद दे रहा है।