- सीएम हेमंत सोरेन पर संकट अभी पूरी तरह से टला नहीं है
- EC का फैसले से तय होगा सोरेन का राजनीतिक भविष्य
- विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए टाल दी गई है
Trust vote in Jharkhand Assembly : हेमंत सरकार ने झारखंड विधानसभा में सोमवार को पेश विश्वास मत जीत लिया। उसे 81 वोटों में से 48 वोट मिले। इस दौरान विपक्ष ने वॉकआउट किया जिसके बाद विधानसभा स्पीकर ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। विधानसभा में सीएम सोरेन ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार गिराने के विपक्ष के प्रयास सफल नहीं होंगे। हेमंत ने कहा कि वह विपक्ष को उसी की भाषा में जवाब देंगे। यूपीए के विधायक दो बसों में सवार होकर विधानसभा पहुंचे थे।
भाजपा पर जमकर बरसे हेमंत सोरेन
विधानसभा में सीएम सोरेन ने कहा कि हमारे तीन विधायक बंगाल में हैं। सोरेन ने आरोप लगाया कि विधायकों को तोड़ने की जिम्मेदारी असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को दी गई। भाजपा पर निशाना साधते हुए सोरेन ने कहा, 'वे दो राज्यों को आपस में लड़ाना चाहते हैं। वे गृह युद्ध की स्थिति पैदा करना और दंगों के जरिए चुनाव जीतना चाहते हैं। लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि जब तक यहां यूपीए की सरकार है तब तक यहां इस तरह की साजिशें सफल नहीं होंगी। आपको उचित राजनीतिक जवाब मिलेगा।'
EC के फैसले को अभी तक घोषित नहीं किया गया है
इससे पहले भाजपा ने कहा कि वह झारखंड में सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र में हिस्सा लेगी लेकिन इस दौरान राज्य सरकार द्वारा विधेयक पेश करने के किसी भी प्रयास का विरोध करेगी। पार्टी के नेताओं ने यह जानकारी दी। पार्टी सचेतक बिरंची नारायण ने बताया कि रविवार देर रात पार्टी के विधायक दल की बैठक में यह फैसला लिया गया। विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विश्वास मत हासिल करेंगे।
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लाभ के पद के मामले में सोरेन को विधानसभा से अयोग्य ठहराने की भाजपा की याचिका के बाद, निर्वाचन आयोग ने 25 अगस्त को राज्यपाल रमेश बैस को अपने फैसले से अवगत कराया, जिससे राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया। हालांकि निर्वाचन आयोग के फैसले को अभी तक घोषित नहीं किया गया है, लेकिन चर्चा है कि आयोग ने विधायक के रूप में सोरेन की अयोग्यता की सिफारिश की थी।