रांची: झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 14 मई से 27 मई तक चार चरणों में कराए जाएंगे। अब राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गयी। राज्य चुनाव आयुक्त डी के तिवारी ने शनिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव की घोषणा की जिसके साथ ही राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गयी। इससे पूर्व राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया था कि राज्यपाल रमेश बैस ने राज्य में त्रिस्तरीय पंचयात चुनाव कराने हेतु अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
उन्होंने बताया कि स्वीकृत कार्यक्रम के अनुसार झारखंड राज्य अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायत निकायों के ग्राम पंचायत सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य एवं जिला परिषद सदस्य के निर्वाचन हेतु कुल चार चरणों 14 मई, 19 मई, 24 मई एवं 27 मई, 2022 को मतदान कराए जाएंगे। तिवारी ने कहा कि राज्य में चार चरणों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पहले चरण का मतदान 14 मई को होगा जिसके लिए नामांकन 16 अप्रैल से 23 अप्रैल तक होगा। तिवारी ने कहा कि 19 मई को दूसरे चरण के होने वाले मतदान के लिए नामांकन 20 से 27 अप्रैल तक होगा। इसी तरह 24 मई को तीसरे चरण के होने वाले मतदान के लिए नामांकन प्रक्रिया 25 अप्रैल से 2 मई तक चलेगी। चौथे और अंतिम चरण का मतदान 27 मई को होगा, जिसके लिए नामांकन पत्र 29 अप्रैल से 6 मई तक भरे जाएंगे।
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार पहले चरण की मतगणना 17 मई, दूसरे चरण की मतगणना 22 मई, तीसरे और चौथे चरण में होने वाले मतदान की मतगणना 31 मई को कराई जाएगी। तिवारी ने कहा कि राज्य के 24 जिले के 264 प्रखंड में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायतों की संख्या 4345 है, वहीं ग्राम पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या 53 हजार 479, ग्राम पंचायत के मुखिया के निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या 4345, पंचायत समिति के क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों की कुल संख्या 5341 और जिला परिषद के क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों की कुल संख्या 536 है। निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि राज्य के कुल 53480 मतदान केंद्रों में 17698 अतिसंवेदनशील हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में 53480 मतदान केंद्रों में से 22961 संवेदनशील हैं।
उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की पर्याप्त तैनाती की जायेगी। इस पंचायत चुनाव में 1,96,16,504 मतदाता हैं जिनमें 95,45,702 महिला मतदाता हैं। उन्होंने बताया कि यह चुनाव मतदान पत्र के माध्यम से कराया जायेगा, जिसके लिए 98,081 बड़ी मत पेटी और 3928 मध्यम आकार की मतपेटी की व्यवस्था की गई है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव के दौरान धन बल के प्रयोग पर अंकुश लगाने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त डीके तिवारी के अनुसार प्रत्याशियों के निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा भी निर्धारित की गई है, जिसके तहत ग्राम पंचायत सदस्य के निर्वाचन के लिए 14000 रु., ग्राम पंचायत के मुखिया के लिए 85,000 रु., पंचायत समिति सदस्य के लिए 71000 रु. और जिला परिषद सदस्य के प्रत्याशी के लिए 2,14000 रु.के व्यय की सीमा निर्धारित की गयी है।