केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने झारखंड के जज उत्तम आनंद की हत्या की जांच के लिए अधिकारियों की एक नई टीम नियुक्त की है। जांच अधिकारियों में यह बदलाव झारखंड हाई कोर्ट द्वारा सुनवाई के दौरान जांच पर बार-बार नाराजगी व्यक्त करने के बाद आया है।
'इंडिया टुडे' की खबर के अनुसार, पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने सीबीआई अधिकारियों से यह स्पष्ट करने को कहा था कि चार महीने के अंतराल में संदिग्धों के दो ब्रेन-मैपिंग परीक्षण क्यों किए गए।
सीबीआई की नई जांच टीम का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक (SP) रैंक के अधिकारी विकास कुमार करेंगे, जिन्हें वर्तमान में दिल्ली में सीबीआई की विशेष अपराध इकाई-2 में सौंपा गया है। वह पूर्व के जांच अधिकारी एएसपी अजय शुक्ला की जगह लेंगे। नई टीम ने जेल में बंद राहुल वर्मा और लखन वर्मा से पूछताछ की अनुमति मांगने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने उन्हें 29 जनवरी से 31 जनवरी तक दोनों से पूछताछ करने की अनुमति दी।
2 लोगों को किया था गिरफ्तार
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में ऑटो-रिक्शा चालकों लखन वर्मा और राहुल वर्मा पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या), 201 (झूठी सूचना देना) और 34 (सामान्य इरादे) के आरोप लगाए थे। जज आनंद की हत्या की जांच के लिए झारखंड सरकार द्वारा गठित एसआईटी (विशेष जांच दल) ने सबसे पहले लखन वर्मा और राहुल वर्मा को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने जब इस साल अगस्त में जांच अपने हाथ में ली तो दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया। माना जा रहा है कि 22 जनवरी को मामले को संभालने वाली नई टीम एक बार फिर अपराध स्थल का दौरा करेगी।
ऑटो-रिक्शा ने मारी थी टक्कर
इससे पहले, सीबीआई ने अदालत को बताया था कि धनबाद के जिला न्यायाधीश को जानबूझकर एक ऑटो-रिक्शा ने टक्कर मार दी थी। ये टक्कर उस समय मारी गई जब वह पिछले साल 28 जुलाई को सुबह की सैर के लिए निकले थे। उनके परिवार ने आरोप लगाया कि उसकी हत्या इसलिए की गई क्योंकि वह स्थानीय माफिया से जुड़े संवेदनशील मामलों को देख रहे थे। जांच के दौरान, सीबीआई ने घटना के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया, अपराध स्थल का पुनर्निर्माण किया और गांधीनगर, मुंबई और दिल्ली से चार अलग-अलग फोरेंसिक टीमों को शामिल किया।
सूत्रों का कहना है कि अब तक जुटाए गए सारे सबूत इस बात की ओर इशारा करते हैं कि जज उत्तम आनंद की हत्या की गई और उनकी मौत को एक दुर्घटना की तरह दिखाया गया।
CBI ने झारखंड हाई कोर्ट को बताया, धनबाद के जज को जानबूझकर मारा गया था