Jharkhand Rope Way: झारखंड में रोप-वे हादसे के बाद चल रहे बचाव अभियान के बीच एक बुरी खबर आई है। बचाव अभियान के बीच एक महिला रस्सी टूटने की वजह से हेलिकॉप्टर से गिर गई। महिला करीब 40-50 फुट की ऊंचाई से गिरी। अब सभी लोगों को निकाल लिया गया है। और बचाव अभियान को खत्म कर दिया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा कि देवघर में रोप वे हादसे में केबल कारों में फंसे सभी 48 लोगों में से 46 लोगों को बचा लिया गया है जबकि दो अन्य की केबल कारों से बचाये जाने के दौरान नीचे गिर जाने से मौत हो गयी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दुर्घटना में कुल तीन लोगों की मौत हुई जबकि 12 अन्य घायल हुए।
झारखंड हाईकोर्ट ने खुद लिया संज्ञान
झारखंड के देवघर में हुए रोप-वे हादसे पर राज्य के हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। और पूरे मामले पर वह 26 अप्रैल को सुनवाई करेगा। इसके अलावा राज्य सरकार को हाई कोर्ट में सुनवाई के पहले हलफनामे के जरिए एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपनी होगी। जिससे कि दुर्घटना के कारणों और दूसरी जरूरी चीजों का पता चल सके। रविवार को हुए इस हादसे में 48 लोग रोप-वे के केबिन में फंस गए थे।
रेस्क्यू मिशन पर वायु सेना का बयान
त्रिकुट पहाड़ी पर चलाए गए अपने रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में भारतीय वायु सेना ने जानकारी दी है। वायु सेना ने कहा कि रोपवे हादसे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए उसने 11 एवं 12 अप्रैल को बचाव कार्य चलाया। इस रेस्क्यू मिशन में आईएएफ के एमआई-17वी5 एवं एलएलएच एमके थर्ड हेलिकॉप्टर की मदद ली गई। वायु सेना का यहां पर 26 घंटे मिशन चला और हेलिकॉप्टरों ने 28 उड़ानें भरीं।
त्रिकूट रोपवे भारत का सबसे ऊंचा वर्टिकल रोपवे
झारखंड टूरिज्म के अनुसार त्रिकूट रोपवे भारत का सबसे ऊंचा वर्टिकल रोपवे है। और जिस तरह वहां पर हादसा हुआ और उसके बाद बचाव अभियन चला, उसकी वजह से झारखंड सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं। बाबा बैद्यनाथ मंदिर से करीब 20 किमी दूर स्थित रोपवे करीब 766 मीटर लंबा है, जबकि पहाड़ी 392 मीटर ऊंची है। रोपवे में 25 केबिन हैं। प्रत्येक केबिन में चार लोग बैठ सकते हैं। घटना के बाद रोपवे प्रबंधक व अन्य कर्मचारी मौके से फरार हो गए।
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