- मामला तूल पकड़ने के बाद साथ ही 40 स्कूल ने लिखित आश्वासन दिया है कि वह फिर से छुट्टियों की पुरानी व्यवस्था बहाल करेंगे।
- आरोप है कि स्कूल प्रशासन को धमकाकर इस्लामिक कट्टरपंथियों ने ऐसी व्यवस्था लागू कराई।
- छुट्टियां ज्यादातर ऐसे स्कूलों में बदली गईं जहां 70 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
Jharkhand Friday off In School: झारखंड के जामताड़ा जिले में मुस्लिम बहुल इलाकों में 50 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में सरकार के नाक के तले छुट्टियां बदल गई और किसी को हवा तक नहीं लगी। ऐसा करने की वजह कुछ स्थानीय लोगों का दबाव था, जो कि मुस्लिम बहुल इलाकों में जुमे को देखते हुए रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी करवाना चाहते थे। यही नहीं आरोप यह भी है कि एक स्कूल की प्रार्थना भी बदलवा दी गई। हालांकि जब मामला सुर्खियों में आया तो हेमंत सरकार एक्टिव हुई और अब जांच के बाद 40 स्कूलों ने लिखित रुप में यह आश्वासन दिया है कि वह फिर से रविवार को छुट्टिया बहाल कर देंगे। लेकिन सवाल यह उठता है कि कैसे इस तरह हरकत की गई और इसकी भनक जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों को नहीं लगी।
लॉकडाउन में ही बदल गए थे छुट्टियों के दिन
जिला शिक्षा अधिकारी अभय शंकर ने पीटीआई को बताया कि अपग्रेड किए गए प्राइमरी स्कूल में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी करने का कदम लॉकडाउन में उठा लिया गया था। मामला सामने आने के बाद जिला जिला प्रबंधन समिति को भंग कर दिया गया है और अब नई समिति का गठन जल्द किया जाएगा। साथ ही 40 स्कूल ने लिखित आश्वासन दिया है कि वह जल्द ही फिर से छुट्टियों की पुरानी व्यवस्था बहाल कर देंगे।
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इस बीच यह बात सामने आई है कि ऐसे स्कूल में जहां पर मुस्लिम बच्चों की संख्या 70 फीसदी या उससे ज्यादा थी, वहां पर कुछ मुस्लिम युवकों ने स्कूल प्रशासन से जबरन छुट्टी बदलने का दबाव बनाया था। इस मामले पर हेमंत सरकार में सहयोगी कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर, ऐसा करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं भाजपा ने हेमंत सोरेन सरकार पर मुस्लिम तुष्टिकरण करने का आरोप लगाया है।
प्रार्थना बदलवाने का भी आरोप
इस बीच गढ़वा जिले में एक और सनसनी खेज मामला सामने आया है। जिसमें आरोप है कि स्कूल की प्रार्थना ही बदल दी गई। इस मामले पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने गढ़वा जिला प्रशासन को नोटिस जारी कर मामले की तत्काल जांच करने को कहा है कि एक स्कूल के छात्रों पर कथित रूप से 'शरीयत और इस्लामी प्रथाएं' थोपी गई हैं। शीर्ष बाल अधिकार संस्था ने जिले के अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया।आरोप है कि कुछ इस्लामी कट्टरपंथियों ने एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक को पुराने प्रार्थना गीत 'दया कर दान विद्या' को बदलने पर मजबूर किया और प्रार्थना में 'तू ही राम है तू रहीम है' गीत करा दिया। इसके बाद एनसीपीसीआर ने यह नोटिस जारी किया है। वहीं लीगल राइट्स ऑब्जर्वेटरी की ओर से दायर शिकायत के मुताबिक, सदर प्रखंड के कोरवाडीह गांव में सरकारी माध्यमिक विद्यालय में बच्चों को हाथ जोड़कर प्रार्थना करने से भी रोका जा रहा है।
चौतरफा घिरी सोरेन सरकार
विपक्षी दल भाजपा ने जहां सरकार की इस लापरवाही को देखते हुए हेमंत सरकार पर मुस्लिमों के तुष्टिकरण का आरोप लगाया है। वहीं सरकार में शामिल कांग्रेस भी हेमंत सरकार को घेर रही है। चौतरफा घिरी सरकार अब कार्रवाई की बात कर रही है। झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा है कि मैंने पहले ही घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। चाहे हिंदू हो या मुस्लिम, किसी को भी संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं है। हम जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेंगे।