- गत जुलाई में सुरक्षाबलों के साथ शोपियां में हुई मुठभेड़ पर सवाल उठे हैं
- सेना ने कहा है कि शुरुआती जांच में अफस्पा के उल्लंघन की बात सामने आई है
- मनोज सिन्हा ने पीड़ित परिजनों को न्याय मिलने का आश्वासन दिया है
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने शोपियां जिले में गत 18 जुलाई को मुठभेड़ में मारे गए तीन युवकों के परिजनों से गुरुवार को मुलाकात की। खास बात यह है कि राजौरी के तरकस्सी गांव पहुंचने के लिए सिन्हा चार किलोमीटर पैदल चले और परिजनों से मुलाकात की। लेफ्टिनेंट गवर्नर ने कहा कि उन्होंने परिवार के प्रति अपनी शोक संवेदना जताई और इस मामले में न्याय मिलने का प्रधानमंत्री नरेंद्र का संदेश उन्हें दिया। बता दें कि शोपियां मुठभेड़ पर सवाल उठे हैं और इस मामले की जांच सेना कर रही है। सेना की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इस केस में पृथम दृष्टया अफस्पा का उल्लंघन होना पाया गया है।
चार किलोमीटर पैदल चले लेफ्टिनेंट गवर्नर
पीड़ित परिजनों से मिलने के लिए लेफ्टिनेंट गवर्नर राजौरी स्थित तरकस्सी गांव गए। गांव पहुंचने के लिए उन्हें चार किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ी। परिजनों से मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्हें न्याय मिलेगा। पीएम मोदी का भी यही संदेश है। परिजनों से मुलाकात करने से पहले सिन्हा ने वहां लोगों को संबोधित किया। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अधिकारियों ने कहा, 'लेफ्टिनेंट गवर्नर ने गांव का दौरा किया और उन्होंने तीन युवकों में से एक मोहम्मद युसूफ के घर गए। युसूफ के घर पर दो अन्य पीड़ित परिवार भी मौजूद थे।' पीड़ित परिजनों ने सिन्हा से इम मामले में त्वरित न्याय किए जाने की मांग की।
परिजनों को सौंपे गए युवकों के शव
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने गत तीन अक्टूबर को दफनाए गए तीनों युवकों के शव को कब्र से निकाला और उन्हें उनके परिजनों के हवाले किया। युवकों के शव को उत्तर कश्मीर के बारामूला जिले के गंतामुला इलाके में दफनाया गया था। इस मुठभेड़ के बारे में सुरक्षाबलों ने कहा था कि उन्हें इलाके में आंतकियों के मौजूद होने की सूचना मिली थी जिसके बाद उन्होंने तलाशी अभियान शुरू किया। सुरक्षाबलों का दावा है कि संदिग्ध आंतकवादियों ने कथित रूप से उन पर फायरिंग की।
सेना कर रही इस मामले की जांच
शोपियां मुठभेड़ पर सवाल उठने के बाद सेना ने इस मामले की जांच शुरू की। सेना ने पिछले महीने अपने एक बयान में कहा कि प्रथम दृष्टया ऑपरेशन के दौरान अफस्पा के उल्लंघन होने की बात सामने आई है। इसके साथ ही सेना ने इस मामले में औपचारिक जांच शुरू की। सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने भी इस मुठभेड़ पर बयान दिया है।