जोरहाट/गुवाहाटी : असम की ब्रह्मपुत्र नदी में नौका दुर्घटना के बाद लापता हुए लोगों की तलाश में रातभर चले बचाव अभियान के बाद 87 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है, जबकि दो लोग अब भी लापता हैं। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि इस हादसे में एक महिला की जान गई है, जो टीचर थीं। इस बीच मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा मौका स्थल पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी।
असम के जोरहाट जिले में बुधवार को उस वक्त भीषण नौका दुर्घटना हुई, जब माजुली जा रही एक प्राइवेट बोट निमती घाट के नजदीक एक सरकारी बोट से टकराकर डूब गई। नौका का मलबा ब्रह्मपुत्र नदी में करीब 1.5 किलोमीटर दूर मिला। नौका उल्टी पड़ी थी। NDRF और SDRF के जवानों ने उल्टी पड़ी नौका के तल को काटा, लेकिन उसके भीतर कोई भी नहीं था। नौका पर 90 लोग सवार थे, जिनमें से 87 को बचा लिया गया है।
गोताखोरों ने रातभर चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन
असम में नौका दुर्घटना का शिकार हुए लोगों का पता लगाने के लिए NDRF और SDRF के गोताखोरों रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। बचाव अभियान अब भी जारी है, जिसमें सेना भी मदद कर रही है। गोताखोर गुरुवार सुबह भी नौका के भीतर गए, जहां उन्हें कोई शव नहीं मिला। जिस महिला की हादसे में जान गई है, उसकी पहचान परिमिता दास के तौर पर की गई है। वह गुवाहाटी से थीं और माजुली के रंगाछाही कॉलेज में अध्यापिका थीं।
असम के मुख्यमंत्री गुरुवार को हालात का जाजया लेने के लिए जोरहट स्थित निमती घाट पहुंचे। उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुत्र नौका दुर्घटना मामले में पुलिस आपराधिक मामला दर्ज करेगी और हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए उच्च स्तरीय जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि नौका पर 90 लोग सवार थे, जिनमें से एक महिला की जान गई है, जबकि 2 अन्य अब भी लापता हैं। शाम तक स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो जाने का अनुमान है।