- मध्य प्रदेश में राजनीतिक संकट बरकरार, कमलनाथ की बैठक में पहुंचे 94 विधायक
- सिंधिया कैंप ने धोखे से कराए विधायकों के हस्ताक्षर, राज्यसभा के नाम पर बुलाया गया
- ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से दे दिया है इस्तीफा और बीजेपी में हो सकते हैं शामिल
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की सियासत अब दिलचस्प मोड़ पर है। क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया ने धोखे से विधायकों के दस्तखत लिए। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शोभा ओझा कहती हैं कि जो विधायक उनके कब्जे में हैं उन्हें बताया गया कि सिंधिया जी ने राज्यसभा सीट के लिए सबको बुलाया था और वो उस वजह से वहां पहुंचे। वो कहती हैं कि कांग्रेस के सभी विधायक एक हैं और मौका पड़ने पर हम साबित कर देंगे कि कमलनाथ सरकार पूरे पांच साल राज करेगी।
'धोखे में लिए गए विधायकों के हस्ताक्षर'
शोभा ओझा कहती हैं कि जब विधायकों को यह पता चला कि उनके बीजेपी में शमिल होने की बात चल रही है तो वो नाराज हो गए। सभी के सभी विधायक सीएम के संप्रक में है। सरकार को खतरा नहीं है कमलनाथ सरकार विधानसभा में बहुमत पेश करेंगी। उन्होंने कहा कि दरअसल राज्यसभा में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में दबाव बनाने के लिए हस्ताक्षर कराया गया और उसे इस्तीफे के तौर पर पेश कर दिया गया।
'सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं'
कांग्रेस के कद्दावर नेता लक्ष्मण सिंह कहते हैं कि अगर जरूरत पड़ेगी तो कांग्रेस लड़ाई करने के लिए तैयार है। वो कहते हैं कि कांग्रेस के पास 94 विधायक हैं और कोई भी शख्स पार्टी के दृढ़ इरादे को नहीं तोड़ सकता है। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि हम सिद्धांतों की राजनीति करते हैं हमारे लिए सत्ता अहम नहीं है
सोनिया गांधी के फैसले पर सर्वसम्मति से लगी मुहर
इस बीच भोपाल में कांग्रेस विधायकों की बैठक में सर्वसम्मति से सोनिया गांधी के उस फैसले पर मुहर लगाई जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्राथमिक सदस्यता से निष्काषित करने का फैसला किया गया है। बता दें कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने उन्हें गद्दार तक कह दिया। उन्होंने कहा था बीजेपी सत्ता के नशे में इस तरह के अनर्गल काम कर रही है। लेकिन जो लोग पार्टी की विचारधारा के खिलाफ काम करेंगे उन्हें निकालने के सिवाए और कोई रास्ता नहीं है।